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शाही स्नान पर उमड़ा हुजूम, ढाई लाख से अधिक ने लगायी कुंड में डुबकी

मलमास मेले के पावन माह के अंतिम शाही स्नान (पर्व स्नान) व आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन रविवार को ढाई लाख से अधिक लोगों व हजारों साधु-संतों ने विभिन्न कुंडों में डुबकी लगायी। मेले के आखिरी रविवार व...

शाही स्नान पर उमड़ा हुजूम, ढाई लाख से अधिक ने लगायी कुंड में डुबकी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 12 Jul 2015 07:35 PM
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मलमास मेले के पावन माह के अंतिम शाही स्नान (पर्व स्नान) व आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन रविवार को ढाई लाख से अधिक लोगों व हजारों साधु-संतों ने विभिन्न कुंडों में डुबकी लगायी। मेले के आखिरी रविवार व शाही स्नान होने के कारण अहले सुबह तीन बजे से ही कुंड में स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ कतार में लगनी शुरू हो गयी जो देर शाम तक जारी रही।

अखाड़ा खेलते हुए कुंड तक पहुंची साधु-संतों की टोली
अपनी परंपरा के अनुसार विभिन्न मठों के साधु-संतों की टोली अपने श्रद्धालुओं के साथ अखाड़ा खेलते हुए गाजे-बाजे के साथ रथ पर सवार होकर कुंड स्नान के लिए गये। मेले का ध्वजारोहण करने वाले स्वामी चिदात्मनजी महाराज उर्फ फलाहारी बाबा ने गढ़ महादेव मंदिर के पास से, अंतर्यामी बाबा ने झुनकिया बाबा मंदिर से, कैलाश तीर्थ से ब्रह्मचारी बालानंद जी महाराज, खाकी चौक से महंत वाल्मीकि दास व राजीव लोचन जी महाराज, नई पोखर मठ, हनुमान गढ़ी, बड़ी संगत, नरहट छावनी, नवादा छावनी, सलेमपुर छावनी, जलगोवी छावनी, कंदोपुर छावनी, बाकरगंज छावनी, उदासीन छावनी, कबीर पंथ, कबीर मठ के अलावा अन्य जगहों से आये हजारों की संख्या में टोली बनाकर साधु-संतों ने कुंड में जाकर स्नान किया।

गाजे-बाजे के साथ धुनी रमाते कुंड गये लोग
संत लोग अपने श्रद्धालुओं के साथ रथ पर सवार होकर गाजे-बाजे के साथ व धुनी रमाते हुए गुरुनानक कुंड पहुंचकर डुबकी लगायी। साधुओं की टोली में निकाले गये अखाड़े में लोग लाठी व तलवारबाजी करते रहे। राजगीर थानाध्यक्ष रत्न किशोर झा, इंस्पेक्टर संजय कुमार सिन्हा व मेला थाना प्रभारी डीएन पासवान सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने साधुओं की टोली पर खास ध्यान रखे हुए थे ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

कंवेंशन सेंटर तक लगी थी महिलाओं की कतार
इस रविवार को तो कुंड स्नान करने वालीं महिला श्रद्धालुओं की कतार इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर तक और पुरुषों की कतार जरा देवी मंदिर तक लगी। यह कतार धीरे-धीरे दोपहर बाद कम होती गयी। पुरुष व महिलाओं को अलग-अलग बारी-बारी से सप्तधारा और ब्रह्मकुंड में जाने दिया गया। लोग डुबकी लगाकर दूसरे गेट से वीरायतन रोड में निकलते गये। इससे भीड़ को जमा होने का मौका नहीं मिला और लोगों को काफी सहूलियत हुई।

पंडा कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं को दिया गया शर्बत
पंडा कमेटी के अध्यक्ष ब्रह्मदेव उपाध्याय, सचिव वीरमणि उपाध्याय, संयुक्त सचिव डॉ. धीरेन्द्र उपाध्याय, प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय, यदुनंदन उपाध्याय, विकास उपाध्याय, दीनानाथ उपाध्याय सहित अन्य ने शाही स्नान में आने वाले श्रद्धालुओं व अन्य लोगों को शीतल जल का बना शर्बत दिया। इसे पीकर लोगों को इस गर्मी में थोड़ी राहत मिली।

श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे छोटा पड़ गया गुरुनानक कुंड
आखिरी शाही स्नान के मौके पर रविवार के दिन जब झुनकिया बाबा मंदिर के महंत अंतर्यामी बाबा सहित अन्य मठों के साधु-संत व श्रद्धालु पहुंचे तो पहले स्नान करने वाले गुरुनानक कुंड छोटा पड़ गया। सैकड़ों साधु व भक्त स्नान के लिए एक साथ कुंड में उतर पड़े। हर कोई एक डुबकी लगाने को आतुर था। बाबा सबों को आशीर्वाद दे रहे थे। बाबा डुबकी लगाकर वहां से निकले।

हालांकि अभी गुरुनानक कुं ड में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। इसके बावजूद वहां के प्रबंधक अजायब सिंह की देखरेख में कुंड में स्नान की बेहतर व्यवस्था की गयी थी। कुंड में पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था की गयी थी।

फलाहारी बाबा ने किया कुंड स्नान
राजगीर। निज संवाददाता। मेले का ध्वजारोहण करने वाले सिमरिया घाट के स्वामी चिदात्मन जी महाराज उर्फ फलाहारी बाबा अंतिम शाही स्नान के दिन रविवार को अपने शिविर गढ़ महादेव मंदिर के पास से अपने श्रद्धालुओं के साथ जाकर कुंड स्नान किया। बाबा एक माह तक इस मेले में ही गढ़ महादेव मंदिर के पास अपने शिविर में रहते हैं।

इस मौके पर बाबा के साथ दंडाधिकारी के रूप में अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी राजीव रंजन कुमार, संरक्षक निरंजन सिंह, शिवकुमार सिंह, उमेशानंद जी महाराज, डॉ. जयनंदन पांडेय, बृजनंदन उपाध्याय सहित अन्य लोग शामिल हुए।

कुव्यवस्था पर संतों ने जतायी नाराजगी
राजगीर। निज संवाददाता। मलमास मेले के अंतिम शाही स्नान पर ब्रह्मकुंड परिसर में प्रशासन की कुव्यवस्था से नाराज होकर कुछ संतों ने विरोध जताया। रविवार को गुरुनानक कुंड में स्नान के बाद बाबा अंतर्यामी, बाबा फलाहारी और कबीर मठ के साधु संत और श्रद्धालु जैसे ही ब्रह्मकुंड परिसर के पास पहुंचे, वहां पर उन्हें प्रशासन व पुलिस के द्वारा कुछ देर के लिए रोक दिया गया। इस कारण साधु-संत व उनके साथ आये श्रद्धालु भड़क उठे।

संतों का आरोप था कि शाही स्नान के लिए प्रशासन की बेहतर व्यवस्था नहीं की गयी थी। एसडीओ इनायत खान ने साधु-संतों को समझाया तब जाकर वे शांत हुए। संतों का कहना था कि शाही स्नान होने के बाद भी प्रशासन की उतनी मौजूदगी नहीं थी, जितनी होनी चाहिए। साथ ही सड़कों पर बेवजह बाइक व छोटी गाड़ियों की आवाजाही हो रही थी। वहीं तांगा वाले भी संतों की टोली में घुस जा रहे थे। संतों ने कहा कि प्रशासन को इन सब बातों का ख्याल रखना चाहिए था।

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