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पैकेज पॉलिटिक्स के जवाब में नीतीश का सेवन वंडर प्लान

भागलपुर के हवाईअड्डा मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैकेज परिकल्पना और जवाबी हमले के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि नियमित विकास की योजनाओं के...

पैकेज पॉलिटिक्स के जवाब में नीतीश का सेवन वंडर प्लान
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 01 Sep 2015 05:28 PM
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भागलपुर के हवाईअड्डा मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैकेज परिकल्पना और जवाबी हमले के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि नियमित विकास की योजनाओं के अतिरिक्त उनके पास बिहार के विकास के लिए सात सूत्रीय योजनाएं हैं। दरअसल वो मोदी को जवाब देना चाहते थे कि उनके पास सिर्फ पैकेज की घोषणाओं का जुबानी जुमला नहीं बल्कि धरातल पर उन्होंने कुछ ठोस योजनाएं तैयार की हैं।

नीतीश की सात सूत्रीय परिकल्पना में युवाओं, महिलाओं के अलावा राज्य के हर घर में बिजली और पानी पहुंचाने का सपना है। उन्होंने हर सपने के लिए अलग अलग बजट भी निर्धारित कर रखा है।
आर्थिक हल, युवाओं को बल: बेरोजगारों (20-25 वर्ष) के लिए रू1000 प्रतिमाह स्वयं-सहायता भत्ता, छात्रों को चार लाख के लोन के तहत क्रेडिट कार्ड देना, पांच सौ करोड़ में इन्क्यूबेशन सेंटर, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में फ्री इंटरनेट और न्यू एज एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज
आरक्षित रोज़गार, महिलाओं का अधिकार: राज्य के सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण
हर घर बिजली लगातार: सभी गाँव और बसावटों का विद्युतीकरण, सभी घरों तक लगातार बिजली
शौचालय निर्माण, घर का सम्मान: खुले शौच से मुक्त, स्वस्थ और स्वच्छ बिहार के लिए हर घर शौचालय
अवसर बढ़ें, आगे पढ़ें : राज्य भर में प्रतिवर्ष कई हज़ार से ज़्यादा अतिरिक्त युवाओं को उच्च और तकनीकी शिक्षा का लाभ
हर घर नल का जल : राज्य के सभी घरों में पाईप जल की सुविधा

उन्होंने इस योजना के बाद कहा कि मोदी आप चिंता न करें। हमने पांच साल के सात मिशन के लिए 2.7 लाख करोड़ की योजना तैयार कर रखी है। स्वास्थ्य सुधारों पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा, मोदी जी ये आपकी ही सरकार है जिसने केंद्रीय स्वास्थ्य बजट में कटौती की है।

उन्होंने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी जिन पैकेज की बातें कर रहे हैं उसको वह रोक भी नहीं सकते। ये हमारा अधिकार है। राज्य के आय के यही स्रोत होते हैं। इसमें उनका कोई योगदान नहीं होता। हम लगातार जीडीपी में विकास कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर हमारा हक भी लगातार बढ़ता ही जाएगा। मोदीजी को बिहार की याद भी आती है, इस पर कम से कम उन्होंने कुछ बोला तो.जो बोला उसमे तथ्य तो कुछ था नहीं पर सुनाई पड़ा  -  मैं मैं....केवल मैं। मोदी जी ने जिन तथ्यों और आंकड़ों की बात की है काश कि वो उन्हें समझ पाते और उनका सही प्रयोग कर पाते।

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