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केन्द्र से नहीं मिले 4000 करोड़, खजाना खाली

वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंतिम दिन राज्य सरकार के खजाने में पैसे कम पड़ गए। वित्त विभाग ने दोपहर बाद से आवश्यक बिलों को छोड़ कर शेष राशि की निकासी पर रोक लगा दी। वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर...

केन्द्र से नहीं मिले 4000 करोड़, खजाना खाली
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 31 Mar 2015 09:20 PM
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वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंतिम दिन राज्य सरकार के खजाने में पैसे कम पड़ गए। वित्त विभाग ने दोपहर बाद से आवश्यक बिलों को छोड़ कर शेष राशि की निकासी पर रोक लगा दी। वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह खुद वित्तीय स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। विभाग की ओर से तीन बजे के बाद राजकीय कोषागारों में नए बिल लेने पर पाबंदी लगा दी गई। पब्लिक लेजर में रखे पैसे व अन्य एकाउंटों के पैसों का अंतिम समय तक हिसाब-किताब किया जाता रहा।

केंद्र से राशि नहीं मिलने पर स्थिति हुई गंभीर
वित्त विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलने के कारण वित्तीय स्थिति गंभीर हो गई। केंद्र सरकार से केंद्रीय योजनाओं में चार हजार करोड़ मिलने की उम्मीद वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक बनी रही, लेकिन राशि नहीं मिली। साथ ही झारखंड से पेंशन मद में बकाया लगभग दो हजार करोड़ भी नहीं मिले। अगर छह हजार करोड़ मिल जाते तो राज्य सरकार सभी बिलों के भुगतान में सक्षम होती। राज्य सरकार आपात स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज भी लेने की स्थिति में नहीं थी, क्योंकि रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमा तक वह कर्ज ले चुकी है।

ऊर्जा सहित विभिन्न विभागों की राशि का भुगतान रुका : वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि राशि की कमी हो जाने के कारण ऊर्जा विभाग सहित विभिन्न विभागों की विकास योजनाओं पर खर्च होने वाली राशि का भुगतान रोक देना पड़ा। निर्माण कार्य के लिए एडवांस पेमेंट पर रोक लगाते हुए जो कार्य पूरे किए जा चुके थे उनके भुगतान को प्राथमिकता दी गई।

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