फोटो गैलरी

Hindi Newsविधान परिषद में गतिरोध समाप्त, अब कोई नहीं करेगा टोकाटोकी

विधान परिषद में गतिरोध समाप्त, अब कोई नहीं करेगा टोकाटोकी

गुरुवार को विधान परिषद में पक्ष-विपक्ष में हुई हाथापाई से पैदा हुआ गतिरोध शुक्रवार को सभापति अवधेश नारायण सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद समाप्त हो गया। बैठक में बनी सहमति के आधार पर सदन की...

विधान परिषद में गतिरोध समाप्त, अब कोई नहीं करेगा टोकाटोकी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 25 Jul 2014 08:50 PM
ऐप पर पढ़ें

गुरुवार को विधान परिषद में पक्ष-विपक्ष में हुई हाथापाई से पैदा हुआ गतिरोध शुक्रवार को सभापति अवधेश नारायण सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद समाप्त हो गया। बैठक में बनी सहमति के आधार पर सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई। सभापति के नियमन के बाद नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी और मुख्यमंत्री जतीन राम मांझी ने बारी-बारी से गुरुवार की घटना की निंदा की और सदन में आपसी सहयोग बनाये रखने पर जोर दिया। मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाए अपने आरोप भी वापस ले लिए।

शुक्रवार को विधान परिषद की तस्वीर बिल्कुल जुदा थी। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़ अधिसंख्य सदस्य सदन में मौजूद थे। लेकिन ऐसा कतई नहीं लग रहा था कि यह वही सदन है जो कल सदस्यों के अखाड़े में तब्दील था। यहां तक कि जदयू के नीरज कुमार और भाजपा के रजनीश कुमार ने भी एक दूसरे दल के सदस्यों को निलम्बित करने के प्रस्ताव वापस ले लिए। सभी दलों के नेताओं ने भी अपसी सहयोग का अश्वासन दिया। 

प्रश्नकाल शुरू होने के पहले सभापति श्री सिंह ने सभी दलों के साथ हुई बैठक के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगे से जब भी मुख्यमंत्री या नेता प्रतिपक्ष सदन में अपनी सीट से कुछ बोलेंगे तो दूसरे सदस्य बीच में टोकाटोकी नहीं करेंगे। प्रश्नों के जवाब दे रहे मंत्री के बीच में भी बिना आसन की इजाजत लिए काई टोकाटोकी नहीं करेगा। वह भी सिर्फ प्रश्नों से जुडे़ सवाल ही करेंगे।

सभापति ने सभी दलों से सदन में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि यह उच्च सदन है। इसकी मर्यादा का खयाल सबकों रखना होगा। हमारी जिम्मेदारी इस मामले में अधिक बनती है। सभी सदस्य अनुभवी हैं। वर्षो की राजनीति के बाद यहां आए हैं। लिहाजा सभी जिम्मेवार भी हैं।

‘सुबह का भूला अगर शाम तक वापस लौट जाए तो उसे भूला नहीं कहते हैं।’ गुरुवार की घटना से लगी चोट पर शुक्रवार को सदन ने मरहम लगा दिया। आज का दिन भी संसदीय इतिहास में याद रखा जाएगा। सदस्यों की भावना जानकर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घाव भी भर जाएंगे।
जीतन राम मांझी, मुख्यमंत्री

गुरुवार को सदन में जो भी घटना हुई वह शर्मनाक थी। ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी। विपक्ष सदन चलाने में पूरा सहयोग करेगा। हमारे दल के सदस्यों की ओर से जो कुछ हुआ उसके लिए हमें खेद है। दोनों पक्षों को सदन में संयम रखना चाहिए।
सुशील कुमार मोदी
नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें