इंतजार खत्म, स्मार्ट सिटी की सूची में भागलपुर शामिल
दो साल से जिसका हमें इंतजार था वह मंगलवार को पूरा हो गया। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार जब से बनी है भागलपुर देश के सौ स्मार्ट सिटी की योजना में अपना नाम शामिल कराने का दावा कर रहा था। केंद्रीय...
दो साल से जिसका हमें इंतजार था वह मंगलवार को पूरा हो गया। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार जब से बनी है भागलपुर देश के सौ स्मार्ट सिटी की योजना में अपना नाम शामिल कराने का दावा कर रहा था। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को फास्ट ट्रैक स्मार्ट सिटी के नामों की घोषणा कर दी। इसमें बिहार से इकलौते शहर भागलपुर का नाम सातवें नंबर पर है। अब भागलपुर को केंद्र सरकार से शहरी विकास के लिए विशेष बजट मिलेगा। बिहार से मुजफ्फरपुर और बिहार शरीफ भी इस दौड़ में शामिल थे लेकिन 13 शहरों की सूची में उन्हें जगह नहीं मिली।
भागलपुर के मेयर दीपक भुवानियां ने भागलपुर का नाम स्मार्ट सिटी में शामिल होने की सूचना मोबाइल पर दी। वेंकैया नायडू ने फास्ट ट्रैक से चयनित स्मार्ट सिटी की जो सूची जारी की है उसमें लखनऊ का नाम पहले स्थान पर है। सूची में 2- वारंगल, 3- धर्मशाला, 4- चंडीगढ़, 5-रायपुर, 6- न्यू टाउन कोलकाता, 7- बागलपुर, 8- पणजी, 9- पोर्ट ब्लैयर, 10- इम्फाल, 11- रांची, 12-अगरतल्ला, 13 – फरीदाबाद है।
खास बात यह कि ये शहर रैंकिंग के आधार पर पहली सूची में अपना नाम नहीं दर्ज करा सके थे। दुबारा से इन शहरों ने अपनी योजनाएं सरकार को भेजी थी। सबसे अहम कि केंद्र में मोदी सरकार के दो साल बीत गए जिसने स्मार्ट सिटी की योजना बनाई है, सिर्फ शहरों का नाम चयनित करने करने में। अभी देखना है कि भागलपुर जैसे शहर कितने साल में स्मार्ट बन पाते हैं।
वेंकैया की घोषणा से भागलपुर नगर निगम ही नहीं सभी में उत्साह और खुशा का माहौल है। नगर निगम खुश है कि उसका प्रयास सफल रहा। और हां जिस शहर में ट्रैफिट लाइट नहीं है, यातायात नाम की कोई चीज नहीं, बीच शहर में सड़कें जर्जर हों, एक अदद बाईपास न होने से ट्रकों का जाम रहता है, समय पर कूड़ा नहीं उठता, कीटाणुयुक्त पानी की आपूर्ति होती है वहां लोगों को सपना देखने का मौका मिल गया कि हमारी समस्याएं भी अब दूर होंगी।