दुष्कर्म मामले में राजद विधायक को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने राजद के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव से नीतीश सरकार की उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उन्हें जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। विधायक यादव नाबालिग से बलात्कार के मुकदमे...
सुप्रीम कोर्ट ने राजद के निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव से नीतीश सरकार की उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उन्हें जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। विधायक यादव नाबालिग से बलात्कार के मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
जस्टिस एके सीकरी और एनवी रमण की पीठ ने नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 अक्तूबर तक राजबल्लभ से जवाब दाखिल करने को कहा है। इसमें पूछा है कि क्यों न आपकी जमानत खारिज कर दी जाए? बिहार सरकार के वकील गोपाल सिंह और मनीष कुमार ने पीठ से आग्रह किया था कि वह उच्च न्यायालय के जमानत देने के आदेश पर रोक लगाए। उन्होंने कहा कि निचली अदालत कथित पीड़िता का बयान दर्ज कर रही है। हालांकि, पीठ ने जमानत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन कहा कि हमने आपसे पूछे बिना नोटिस जारी किया है। राजबल्लभ को जेल से छोड़ा जा चुका है, इसलिए उनका पक्ष सुनने के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा।
सरकारी वकील ने शीर्ष अदालत से कहा था कि पटना हाईकोर्ट ने ऐसे जघन्य अपराध में राजबल्लभ को जमानत देकर गलती की है। यादव के खिलाफ इस साल छह फरवरी को बिहारशरीफ में अपने आवास पर कथित तौर पर नाबालिग के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा था। गिरफ्तारी से काफी समय तक बचने के बाद उन्हें स्थानीय अदालत ने भगोड़ा घोषित कर कुर्की के आदेश दे दिए थे। इसके बाद राजबल्लभ ने समर्पण किया था। मामले में बिहार पुलिस ने अपने आरोपपत्र में एक महिला और उसके रिश्तेदारों को भी नामजद किया है। इन पर विधायक को लड़कियों की आपूर्ति करने का आरोप है।