अंधविश्वास का तमाशा: घंटों करते रहे मुर्दे को जिंदा करने की कोशिश
अंधविश्वास की अजीबोगरीब घटना गुरुवार को सामने आई। समस्तीपुर के मोरदिवा के चक मुन्नी टोला में दफनाए गए लाश को तांत्रिक के जरिए जिंदा करने की कोशिश की गई। दरअसल, चकमुन्नी टोला के होरिल पासवान (55) की...
अंधविश्वास की अजीबोगरीब घटना गुरुवार को सामने आई। समस्तीपुर के मोरदिवा के चक मुन्नी टोला में दफनाए गए लाश को तांत्रिक के जरिए जिंदा करने की कोशिश की गई। दरअसल, चकमुन्नी टोला के होरिल पासवान (55) की स्वाभाविक मौत हो गई। लोगों ने उसे दफना दिया।
हिन्दू रीति रिवाज के तहत मौत होने के बाद लोगों को जलाया जाता है, लेकिन इस इलाके में मौत के बाद जलाने और दफनाने दोनों की प्रथा है। बेटी (मिरती देवी) को जब इस बात की जानकारी मिली तो वह गांव आई और तांत्रिक के जरिए पिता को जिंदा करने की कोशिश की।
हालांकि, दफनाए गए लाश को गड्ढे में से नहीं निकाली गई। लाश पर मिट्टी हटाकर झाड़-फूंक के जरिए होरिल पासवान को जिंदा करने की कोशिश की गई। बूढ़ी गंडक से पानी लाकर उसके मुंह पर छिड़का गया। जब होरिल पासवान जिंदा नहीं हुआ तो फिर उसे मिट्टी से ढंक दिया गया। करीब डेढ़ घटे तक यह तमाशा होता रहा। लोगों की भीड़ जमा रही, लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया। सभी इस इंतजार में थे कि कहीं होरिल जिंदा हो जाए। तामाशबीन में कई पढ़े-लिखे लोग भी थे जो इसे देख रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में यह पहली घटना है। स्थानीय मुखिया रामाधार सिंह ने कहा कि होरिल पासवान की बेटी को लगा कि पिता को वह तांत्रिक विधि जिंदा कर सकती है, लेकिन ऐसा संभव नहीं है। इस अंधविश्वास का हमलोग विरोध करते हैं।