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पहचान पत्र किसी को दिया तो रहिए होशियार, पुलिस दे सकती है दस्तक

आप गांव में रहते हैं और बैंक शाखा में खाता खुलवाने, जॉब कार्ड बनवाने या फिर पैक्स का सदस्य बनने आदि के लिए अपने पहचान पत्र की फोटो कॉपी किसी को देते हैं तो होशियार रहिए। किसी भी पल पुलिस आपके दरवाजे...

पहचान पत्र किसी को दिया तो रहिए होशियार, पुलिस दे सकती है दस्तक
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 04 Aug 2015 09:52 PM
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आप गांव में रहते हैं और बैंक शाखा में खाता खुलवाने, जॉब कार्ड बनवाने या फिर पैक्स का सदस्य बनने आदि के लिए अपने पहचान पत्र की फोटो कॉपी किसी को देते हैं तो होशियार रहिए। किसी भी पल पुलिस आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकती है। अक्सर ऐसे पहचान पत्रों पर मोबाइल का सिम कार्ड खरीद कर अपराधी इसका इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाते हैं।

बाद में आपको कई दिनों की पुलिसिया पूछताछ का सामना करना पड़ता है। अपनों में जगहंसाई होती है सो अलग। दरअसल यह सब जनता की सुरक्षा को दांव पर रखकर टेलीफोन कम्पनियों द्वारा कदम-कदम पर सिम कार्ड बेचे जाने के कारण हो रहा है।

ताजा मामला आमस के अहुरी गांव की संजू देवी नामक एक महिला का है। उसके नाम से खरीदे गए एक सिमकार्ड का उपयोग आपराधिक वारदात के लिए किए जाने की सूचना के बाद जब पुलिस उसके घर पहुंची तो महिला अवाक रह गई। महिला का पति दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है और वह अपने दो छोटे बच्चों के साथ घर में रहती है।

महिला की सफाई है कि उसने गांव में खुली बैंक ऑफ बड़ौदा की मिनी शाखा में अपना खाता खुलवाने के लिए कुछ सप्ताह पहले अपने परिचय पत्र की फोटो कॉपी दी थी, वहीं से किसी ने उसका पहचान पत्र हासिल कर लिया होगा। पुलिस ने महिला का मोबाइल फोन जब्त कर छानबीन शुरु की है और उसे लगातार दो दिन थाने बुलाकर पूछताछ भी की गई है।

इससे पूर्व गत 24 जून को जब बांकेबाजार थानाक्षेत्र में एमएस मेमोरियल नामक एक स्कूल के संचालक मो.खालिद को फोन कर रंगदारी डिमांड की गई तो इस मामले में सिम कार्ड खरीदने के लिए उपयोग किए गए आईडी के आधार पर पकड़े गए इमामगंज के एक युवक रवि से पूछताछ करने के बाद पता चला कि उसकी आईडी का गलत इस्तेमाल किया गया था। उसने कुछ रोज पहले पैक्स का सदस्य बनने के लिए अपनी आईडी किसी को दी थी। बाद में पुलिस ने उसे भी छोड़ दिया गया।

इधर आमस थानाक्षेत्र के ही दरना गांव की रहने वाली मंत्री देवी, पति-निरंजन भुइयां नामक एक महिला की आईडी का भी गलत इस्तेमाल सिम खरीदने के लिए किए जाने की बात सामने आई थी। इससे पूर्व शेरघाटी में एक डाक्टर से रंगदारी मांगने के लिए अपराधियों ने झारखंड के इटखोरी की रहने वाली एक मजदूरिन की आईडी का इस्तेमाल कर सिमकार्ड खरीदा था।

हाई कोर्ट ने भी जतायी थी चिंता
यह स्थिति तब बनी हुई है जब सूबे के हाईकोर्ट ने गत 12 जनवरी को इस तरह के एक मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट कहा था कि जिस प्रकार जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में सिम देने के लिए कड़े मापदंडों का पालन किया जाता है, उसी प्रकार यहां क्यों नहीं हो रहा है। कोर्ट का कहना था कि कम से कम 110 ऐसे गंभीर मामले कोर्ट में लम्बित हैं, जिसमें सिम का उपयोग किया गया, मगर उसके यूजर का आज तक पता नहीं चला है।

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