एनआईटी में बोर्ड के अंकों का वेटेज नहीं
एनआईटी में एडमिशन के लिए अब 12वीं बोर्ड के अंकों का 40 प्रतिशत वेटेज नहीं मिलेगा। जेईई मेन के अंकों के आधार पर ही रैंक लिस्ट तैयार होगी। जेईई अपेक्स बोर्ड और एनआईटी काउंसिल से ज्वाइंट सीट एलोकेशन...
एनआईटी में एडमिशन के लिए अब 12वीं बोर्ड के अंकों का 40 प्रतिशत वेटेज नहीं मिलेगा। जेईई मेन के अंकों के आधार पर ही रैंक लिस्ट तैयार होगी। जेईई अपेक्स बोर्ड और एनआईटी काउंसिल से ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) ने बोर्ड के अंकों का वेटेज हटाने की अनुशंसा की है। एनआईटी काउंसिल की बैठक में इसपर अंतिम मुहर लगेगी।
बीते एक अगस्त को मुंबई में जोसा की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसे अगले सत्र से लागू किया जाएगा। फिलहाल एनआईटी में एडमिशन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई मेन की रैंक लिस्ट में जेईई मेन के 60 व 12वीं बोर्ड के अंकों का 40 फीसदी वेटेज मिलता है। इस फैसले से बिहार बोर्ड के छात्रों को काफी लाभ होगा। क्योंकि सीबीएसई या आईसीएसई बोर्ड के मुकाबले बिहार के बच्चों के 12वीं के अंकों का प्रतिशत कम रहता है।
इससे रैंक लिस्ट में बिहार के छात्र पिछड़ जाते थे। अब जबकि 12वीं बोर्ड के अंकों का वेटेज नहीं मिलेगा तो सभी छात्रों को एकसमान अंकों के आधार देशभर की एनआईटी में दाखिला मिल सकेगा। बिहार में हर साल एक लाख से अधिक बच्चे जेईई मेन में शामिल होते हैं। इसमें से देश के 31 एनआईटी की करीब 22 हजार सीटों पर दाखिला लिया जाता है।
क्यों हटाया जाएगा वेटेज
बोर्ड के अंकों का वेटेज हटाने के पीछे सबसे प्रमुख कारण रैंक लिस्ट में तमाम गड़बड़ि़यां हैं। जोसा के एक अधिकारी ने बताया कि रैंक लिस्ट तैयार करने के लिए प्रत्येक बोर्ड को सीबीएसई के पास अंकों का ब्योरा भेजना होता है। बोर्ड जो डाटा भेजता है, उसका कोई चेकिंग प्वाइंट नहीं है। बोर्ड जो अंक भेजता है उसी पर रैंक लिस्ट बना दी जाती है। अधिकतर बोर्ड समय से डाटा नहीं भेजते हैं। भेजते भी हैं, तो उसमें गड़बड़ियां होती हैं। इससे रैंक लिस्ट तैयार करने में काफी परेशानी होती है। एक मामले में तो बोर्ड ने छात्र का 12वीं में 80 प्रतिशत अंक भेजा। एडमिशन के समय वेरिफिकेशन में पता चला कि उसका 60 प्रतिशत ही अंक है। इस तरह की कई गड़बड़ियां हुई हैं।
आईआईटी जैसा हो सिस्टम
जोसा की बैठक में यह भी तय हुआ कि एनआईटी में भी आईआईटी सिस्टम की तरह एडमिशन हो। आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई एडवांस की रैंक लिस्ट सिर्फ इसी के अंकों के आधार पर बनाती है। एडमिशन सिर्फ उन्हीं छात्रों का होता है, जिनका बोर्ड में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हो या टॉप-20 परसेंटाइल में शामिल हों। एनआईटी में एडमिशन के लिए जेईई मेन की रैंक लिस्ट में 60 प्रतिशत जेईई मेन का और 40 प्रतिशत बोर्ड के अंकों का वेटेज दिया जाता है। कमेटी ने अनुशंसा की है कि रैंक लिस्ट से जेईई मेन का वेटेज हटा दिया जाए और प्रत्येक बोर्ड के लिए कटऑफ निर्धारित कर दिया जाए।
जेईई मेन में 12वीं के अंकों का 40 प्रतिशत वेटेज हटाने की अनुशंसा की गई है। आईआईटी की तरह ही एनआईटी में एडमिशन का प्रावधान होना चाहिए। - प्रो. एके डे, चेयरमैन, सीसैब