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कुव्यवस्था के कारण गई छात्र कृष्ण की जान!

इशाकचक के कृष्णापुरी कॉलोनी में न्यू मॉडर्न चाइल्ड स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे चौथी कक्षा के छात्र कृष्ण कुमार की जान जाने की एक वजह कुव्यवस्था भी है। आधी कट्ठी जमीन पर बने दो मंजिले मकान...

कुव्यवस्था के कारण गई छात्र कृष्ण की जान!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 23 May 2015 11:09 AM
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इशाकचक के कृष्णापुरी कॉलोनी में न्यू मॉडर्न चाइल्ड स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे चौथी कक्षा के छात्र कृष्ण कुमार की जान जाने की एक वजह कुव्यवस्था भी है। आधी कट्ठी जमीन पर बने दो मंजिले मकान के ऊपरी कमरे में अभय कुमार सिंह ने हॉस्टल बना रखा है। इसके पिछले हिस्से में बच्चे रहते हैं, जबकि आगे का हिस्सा अभय सिंह खुद उपयोग करते हैं। अभय सिंह, उनकी पत्नी कल्पना सिंह और परिवार के अन्य लोग मिलकर स्कूल व हॉस्टल चलाते हैं। लेकिन इस भीषण गर्मी में जिस तरह से 15 बच्चों को एक ही कमरे ठूंसकर रखा गया था उससे हॉस्टल के व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। 

हॉस्टल में पंखे नहीं लगे हैं, न ही ऊपरी हिस्से में शौचालय की सुविधा है। पूछने पर बताया गया कि बच्चे नीचे टॉयलेट में जाते हैं। पानी की व्यवस्था भी ऊपर नहीं है। अर्धनिर्मित इस मकान में अभय कुमार सिंह और उनका परिवार पिछले साल नवंबर में शिफ्ट हुआ है। कॉलोनी अभी नई बसी है, सड़क, नाली की व्यवस्था भी नहीं है। आसपास खेत है, जंगलों के रहने के कारण मच्छरों का आतंक भी यहां है। मच्छरों से बचाव के लिए बच्चों के बेड के ऊपर मच्छरदानी जरूर लगी हुई थी, लेकिन वह मच्छरों से बचाव के लिए कारगर नहीं थी।

1200 रुपए प्रति बच्चा चार्ज
भागलपुर।
इस हॉस्टल में रहने के लिए अभिभावक प्रति बच्चे 1200 रुपए देते हैं। रहनेवाले बच्चों में कुछ ऐसे हैं जो आसपास जैसे हवाई अड्डा व अन्य मोहल्लों से आते हैं। इनसे 600 रुपए लिए जाते हैं। ऐसे बच्चों का खाना घर से आता है। हॉस्टल संचालक के अनुसार पांच बच्चों का खाना हॉस्टल में बनता है जबकि बाकी बच्चों के लिए घर से उनके परिवार के लोग खाना भेजते हैं।

बिस्तर से उठने के साथ ही गिर गया था कृष्ण
भागलपुर।
हॉस्टल में साथ रह रहे बच्चों ने बताया कि कृष्ण उठने के साथ ही अचानक गिर गया था। इसके बाद अभय सर (हॉस्टल संचालक) उसे लेकर नीचे गए थे। हॉस्टल में रहनेवाले बच्चे विशाल, राजू ने बताया कि रात में उसने ठंड लगने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे चादर ओढ़ायी थी। हालांकि कृष्ण ने तबीयत खराब होने की शिकायत किसी से नहीं की थी। रात में ही अचानक वह उठा और उसने सीढ़ी पर ही शौच कर दिया था। इससे पहले शाम में जब वह खेलकर लौटा तो उसने पीने के लिए पानी मांगा। पानी पीने के बाद उसे सर्दी-खांसी हो गई। हॉस्टल की संचालिका कल्पना सिंह ने उसे कफ सिरप पीने के लिए दिया। उनके अनुसार पहले भी जब ऐसा होता था, उसे यही दवाई दी जाती थी। इसीलिए गुरुवार को भी दी गई, लगा कि ठीक हो जाएगा। लेकिन सुबह अचानक उसकी मौत हो गई।

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