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सलमान खान भी बचा नहीं पाए सरोज की जिंदगी, दिल के ऑपरेशन के लिए की थी मदद

जिसकी जिंदगी को बचाने के लिए बॉलीवुड एक्टर सलमान खान आगे आए और आर्थिक मदद की। वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। दिल में सुराख होने से दो साल तक अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज कराने वाला बक्सर के डुमरांव का...

सलमान खान भी बचा नहीं पाए सरोज की जिंदगी, दिल के ऑपरेशन के लिए की थी मदद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 09 Jul 2016 08:06 PM
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जिसकी जिंदगी को बचाने के लिए बॉलीवुड एक्टर सलमान खान आगे आए और आर्थिक मदद की। वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। दिल में सुराख होने से दो साल तक अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज कराने वाला बक्सर के डुमरांव का रहने वाला सरोज जिंदगी की जंग हार ही गया। यही नहीं रतन टाटा फाउंडेशन की तरफ से भी उसे लाखों रुपए की मदद मिली। दो बार ऑपरेशन होने के बाद परिवार को उसके ठीक होने की उम्मीद बंधी थी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। 

जन्म से थी दिल की बीमारी 
डुमरांव नगर के बंधन पटवा रोड निवासी अशोक कुमार प्रजापति के दो पुत्र और एक पुत्री में सबसे बड़े सरोज को जन्म से ही दिल की बीमारी थी। हृदय में सुराख होने के कारण जैसे-जैसे उम्र बढ़ रही थी, बीमारी असर दिखाने लगी। पिता अशोक बिस्कुट बेचकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। बेटे के इलाज पर लाखों खर्च करना उनके बूते की बात नहीं थी। 

सलमान की मदद से हुआ ऑपरेशन 
पहली बार हिन्दुस्तान ने 21 मार्च 2015 को सरोज की परेशानियों को खबर का हिस्सा बनाया था। खबर छपने के बाद सरोज की मदद में लोग सामने आने लगे थे। फिल्म स्टार सलमान खान की संस्था बिइंग ह्यूमेन की मदद से 4 दिसंबर 2014 को मुंबई के फोर्टिस अस्पताल में सरोज के दिल का सफल ऑपरेशन हुआ था। फिर डॉक्टरों ने एक साल बाद दूसरे ऑपरेशन को जरूरी बताया था। दूसरे ऑपरेशन के खर्च की व्यवस्था के लिए स्थानीय लोगों के साथ संस्थाएं भी आगे आयीं। 

रतन टाटा फाउंडेशन से मिले थे साढ़े चार लाख 
सरोज के पिता ने बताया कि रतन टाटा फाउंडेशन की ओर से 4 लाख 50 हजार की मदद मिली थी। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी लोगों ने लगभग चार लाख रुपए का मदद दिया था। इलाज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने भी सहायोग किया था।

गुरुवार को अचानक बिगड़ी तबीयत 
लोगों के सहयोग से सरोज का दूसरा ऑपरेशन 4 फरवरी 2016 को मुंबई के फोर्टिस हास्पिटल में हुआ। तीन माह बाद अस्पताल से छुट्टी मिली। 17 मई को अपने माता-पिता के साथ वापस डुमरांव लौटा। परिवार के साथ-साथ मदद में आगे आए लोगों को ऐसा महसूस हुआ कि सरोज को नई जिंदगी मिल गयी है, लेकिन गुरुवार को अचानक सरोज की तबीयत बिगड़ने लगी। इलाज के लिए पटना ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने  मुंबई रेफर कर दिया। इसी दौरान उसकी अनुमंडल अस्पताल मौत हो गई।  बेटे की मौत के बाद परिजन गम में डूबे हुए हैं। उन चेहरों पर भी मायूसी छाई है, जिन्होंने सरोज की जिंदगी के लिए दिन-रात एक कर दिया था।


 

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