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कहीं बरामदे पर तो कहीं अर्धनिर्मित भवन में होगी परीक्षा

11 मार्च से मैट्रिक की परीक्षा देनेवाले छात्रों ने तैयारी पूरी कर ली है। संवेदनशील घोषित हुए कुछ केंद्रों पर परीक्षा से एक दिन पहले भी तैयारी पूरी नहीं हुई थी। कहीं बेंच ढूंढे़ जा रहे थे तो कहीं पानी...

कहीं बरामदे पर तो कहीं अर्धनिर्मित भवन में होगी परीक्षा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 11 Mar 2016 10:56 AM
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11 मार्च से मैट्रिक की परीक्षा देनेवाले छात्रों ने तैयारी पूरी कर ली है। संवेदनशील घोषित हुए कुछ केंद्रों पर परीक्षा से एक दिन पहले भी तैयारी पूरी नहीं हुई थी। कहीं बेंच ढूंढे़ जा रहे थे तो कहीं पानी के लिए बोरिंग करायी जा रही थी। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी फूल बाबू चौधरी ने केंद्रों का निरीक्षण कर बताया कि तैयारी पूरी हो चुकी है।

मैट्रिक परीक्षा में इस साल 44502 छात्र परीक्षा देंगे। इनके लिए पूरे जिले में 50 केंद्र बनाए गए हैं। 23 केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। हाईस्कूलों के अलावा नौ मध्य विद्यालयों में भी परीक्षा केंद्र बने हैं। हिन्दुस्तान की टीम ने कुछ संवेदनशील केंद्रों पर सुविधाओं का जायजा लिया।

मध्य विद्यालय दाउद बाट: यहां परीक्षा के लिए बेंच ठीक किए जा रहे थे। केंद्र पर पानी की व्यवस्था नहीं है। पानी के लिए स्कूल बोरिंग करवा रहा था। स्कूल के पीछे चहारदीवारी नहीं है। पिछली बार यहां नकल कराने के लिए काफी लड़के हल्ला कर रहे थे। इस बार भी उस टूटी जगह को नहीं बनाया गया। सहायक शिक्षक अर्जुन कुमार ने बताया कि क्षमता से अधिक लड़के हैं इसलिए बरामदे पर बैठाकर परीक्षा दिलवानी होगी।

मुक्ति मध्य विद्यालय तिलकामांझी: स्कूल में परीक्षा की तैयारी पूरी हो चुकी थी। यहां पहली पाली में 323 और दूसरी पाली में 294 छात्रों की परीक्षा होगी। स्कूल के अर्धनिर्मित कमरों में दसवीं की परीक्षा दिलवाई जाएगी।

स्कूल की हेडमास्टर ने बताया कि पैसा पूरा नहीं मिलने से यह भवन पूरा नहीं सका। स्कूल के बाहरी तरफ काफी गंदगी है। कुछ खिड़कियां भी जर्जर हो चुकी हैं। पानी के लिए यहां टंकी लगवाई गई है।

केंद्रीय कारा मध्य विद्यालय: स्कूल में छात्रों को बैठने के लिए बेंच का इंतजाम किया जा रहा था। यहां 150 बेंचों की कमी हो रही थी। हेडमास्टर मधु ने बताया कि केंद्राधीक्षक बेंच का इंतजाम करने गए हैं। स्कूल में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। शौचालय में भी पानी नहीं है। स्कूल के हेडमास्टर ने बताया कि पानी के लिए कई बार विभाग को कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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