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बिहार : 83 फीसदी स्कूलों में लकड़ी के चूल्हों पर बनता है मिड डे मील

बिहार में छपरा जिले के महज 17 फीसदी प्रारंभिक स्कूलों को ही रसोई गैस खरीदने की राशि भेजी गई है। अब भी करीब 83 फीसदी स्कूलों में लकड़ी के चूल्हे पर मिड डे मील बनाया जाता है। सरकारी स्कूलों में रसोई गैस...

बिहार : 83 फीसदी स्कूलों में लकड़ी के चूल्हों पर बनता है मिड डे मील
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 07 Apr 2017 08:19 PM
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बिहार में छपरा जिले के महज 17 फीसदी प्रारंभिक स्कूलों को ही रसोई गैस खरीदने की राशि भेजी गई है। अब भी करीब 83 फीसदी स्कूलों में लकड़ी के चूल्हे पर मिड डे मील बनाया जाता है। सरकारी स्कूलों में रसोई गैस से मिड डे मील बनाने की योजना आवंटन की पेंच में फंस गयी है। अब तक जिले के 2,610 प्रारंभिक स्कूलों में से करीब चार सौ स्कूलों को योजना की राशि दी गई है। योजना मद में आवंटन की पूर्ण राशि नहीं मिलने तथा स्कूलों से मिलने वाले आवेदन की प्रतीक्षा में सभी स्कूलों को उक्त योजना की राशि नहीं भेजी जा सकी है।

डेढ़ साल पहले लागू की गई योजना

विद्यालयों के किचेन रूम को मिट्टी के बने चूल्हे से मुक्त करने और रसोई गैस देने के लिये डेढ़ साल पूर्व सरकारी स्तर पर एलपीजी गैस सिलेंडर खरीदने की योजना लागू की गई थी। प्रत्येक स्कूलों को चूल्हा व सिलेंडर खरीदने के लिये 4100 रुपये दिये जाने थे। इसके अलावा 1500 रुपये अग्निशमन यंत्र के लिये भी देने का प्रावधान किया गया है। बावजूद अब तक महज चार सौ स्कूलों को ही राशि उपलब्ध हो सकी है। शेष 2210 स्कूलों में राशि पहुंचने का इंतजार हो रहा है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

योजना के मुख्य उद्देश्य में कई फायदे शामिल थे। इनमें रसोई गैस स्कूलों को मिल जाने पर बरसात के दिनों में एमडीएम बनाना आसान हो जाना, लकड़ी के चूल्हे से निकलने वाले धुएं से होने वाले नुकसान से स्कूल के बच्चों को सुरक्षित रखना, ईंधन की भी बचत करना, शिक्षकों को जलावन की जुगाड़ में माथा-पच्ची से बचाना आदि शामिल हैं। एमडीएम डीपीओ ने कहा कि उपयोगिता प्रमाण पत्र के आधार पर स्कूलों को चूल्हा व गैस सिलेंडर के अलावा अग्निशमन यंत्र खरीदने की राशि भेज दी गयी है। शेष स्कूलों में भी आवंटन मिलने पर राशि भेज दी जाएगी।

 

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