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स्कूल में बारात, हेड मास्टर गए बाजार, पढ़ाई पर ताला

पूरे बिहार में टॉपर घोटाला पर बवाल मचा है पर स्कूलों की पढ़ाई पर इसका कोई सकारात्मक असर नहीं। जरा गौर करें, मधेपुरा जिले में पढ़ाई का क्या हाल है। शिक्षक हितों के लिए आंदोलनों की अगुआई करने वाले...

स्कूल में बारात, हेड मास्टर गए बाजार, पढ़ाई पर ताला
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 09 Jul 2016 08:24 PM
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पूरे बिहार में टॉपर घोटाला पर बवाल मचा है पर स्कूलों की पढ़ाई पर इसका कोई सकारात्मक असर नहीं। जरा गौर करें, मधेपुरा जिले में पढ़ाई का क्या हाल है। शिक्षक हितों के लिए आंदोलनों की अगुआई करने वाले शिक्षक संघ के एक नेता के स्कूल में दो दिनों से पढ़ाई पर ताला लगा है। यह स्कूल है प्राथमिक विद्यालय हिरोलवा। यहां के हेड मास्टर नियोजित शिक्षकों के बड़े नेता हैं। शनिवार को स्कूल बंद था, बरामदे में बारात का साजो सामान रखा था। खुद हेड मास्टर बाजार में थे पर उनका दावा है कि स्कूल चल रहा और बच्चे पढ़ रहे हैं।

शनिवार को हिन्दुस्तान टीम शंकरपुर प्रखंड के स्कूलों में पढ़ाई का हाल देखने पहुंची। दिन में 11 बजे जब टीम प्राथमिक विद्यालय हिरोलवा पहुंची तो स्कूल बंद मिला। दो शिक्षक बबलू ठाकुर और मुकेश कुमार जुगनू सामने मचान पर मिले। पूछने पर बताया कि एचएम बैंक गए हैं। स्कूल क्यों बंद है? पूछने पर कहने लगे कि एचएम से खुद बात कर लीजिए। एचएम से बात की गई तो बताने लगे कि मधेपुरा आए हैं पर स्कूल खुला है और बच्चे पढ़ रहे हैं। इस स्कूल में 211 छात्र पढ़ते हैं और चार शिक्षक नियुक्त हैं। हिन्दुस्तान टीम ने चार और स्कूलों का दौरा किया तो कमोवेश यही स्थिति दिखी। रजिस्टर पर तो 16 सौ छात्रों की हाजिरी दिखायी जाती है लेकिन असलियत में सौ बच्चे में पढ़ने नहीं आते। यही सच है स्कूलों में पढ़ाई का।

प्राथमिक विद्यालय हिरोलवा के पास किसी घर में शादी थी। दो दिनों से बारात का साजो सामान न सिर्फ स्कूल के बरामदे में बल्कि स्कूल के कमरों में भरा था। ग्रामीणों की माने तो स्कूल कभी नियमित नहीं खुलता। एचएम शिक्षक नेता हैं लिहाजा आजतक कोई अधिकारी भी वहां जांच के लिए नहीं पहुंचा। बीईओ डा. यदुवंश यादव कहते हैं कि दो दिनों से स्कूल बंद है तो इसकी जांच होगी। दोषी पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जाएगा।

मधेपुरा में स्कूली शिक्षा बेपटरी हो चली है। अधिकांश स्कूलों में छात्रों की हाजरी 80 से 90 फीसदी बन रही लेकिन 10 प्रतिशत छात्र भी स्कूल नहीं आ रहे। शंकरपुर प्रखंड के जीरवा मधैली पंचायत के स्कूलों में तो 12 बजे तक हाजरी नहीं लगती। गरीबचंद्र मध्य विद्यालय में जब हिन्दुस्तान टीम पहुंची हाजिरी शुरू हो गयी। एचएम ने स्वीकार किया कि हाजिरी बाद में बनायी जाती है। यहां पिछले शनिवार को 90 प्रतिशत उपस्थिति दिखायी गई थी।

उत्क्रमित मध्य विद्यालय मौजमा में 15 छात्र, सीता कन्या प्राथमिक विद्यालय में 40 छात्र और गरीबचंद्र मध्य विद्यालय में 30 छात्र आए थे। यहां 10 बजे तक दो शिक्षिकाएं बबीता कुमारी और पूनम कुमारी पहुंची थीं। यहां नियुक्त सात शिक्षकों में एचएम सहित 3 शिक्षक अवकाश पर थे। 410 बच्चों का नामांकन बताया गया लेकिन एक कमरे में पांच-छह साल 15 छात्र बैठे थे। एक शिक्षक विभाष कुमार 10 बजकर 40 पर पहुंचे। बताया कि बाइक का टायर पंक्चर हो गया था।

गरीब चंद्र मध्य विद्यालय की स्थिति सबसे गरीब दिखी। यहां छात्रों की संख्या तो 740 बतायी गई लेकिन शनिवार को 11 बजे तक 30 छात्र ही आए थे। 12 शिक्षकों में दो अवकाश पर बताए गए लेकिन उपस्थित शिक्षकों की संख्या 10 नहीं थी। एचएम प्रभू दयाल दास का कहना था कि शनिवार की बजह से बच्चे कम आये। जीरवा मधैली पंचायत में ही सीता कन्या प्राथमिक विद्यालय मधैली में 243 में सिर्फ 40 बच्चे स्कूल पहुंचे। हालांकि यहां नियुक्त सभी चार शिक्षक मौजूद थे।
 

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