संतानों के दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत
जीवितपुत्रिका व्रत यानी जिउतिया पर महिलाओं ने शुक्रवार का निर्जला व्रत रख कर अपने संतान के दीर्घायु होने की कामना की। हर वर्ष यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को किया जाता है। व्रति शनिवार...
जीवितपुत्रिका व्रत यानी जिउतिया पर महिलाओं ने शुक्रवार का निर्जला व्रत रख कर अपने संतान के दीर्घायु होने की कामना की। हर वर्ष यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को किया जाता है। व्रति शनिवार सुबह पारण करेंगी।
महिलाओं ने अहले सुबह स्नान कर व्रत संकल्प लिया। पूरे दिन निर्जला रहकर मंदिरों व घरों में व्रत कथा सुनीं। कोतवाली स्थित कुपेश्वरनाथ मंदिर के महंत बाबा विजयानंद शास्त्री ने व्रत की कथा सुनाते हुए बताया कि कैलाश पर्वत पर भगवान भोलेनाथ जब माता पार्वती को यह कथा सुना रहे थे तब उन्होंने कहा कि, इस अष्टमी के दिन व्रत रखकर जो महिला प्रदोषकाल में जीमूतवाहन की पूजा करती है वह संतान का संपूर्ण सुख प्राप्त करती हैं।