अहिल्या धाम से शुरू हुई पंचकोसी यात्रा, पूआ पकवान का प्रसाद बंटा
सोमवार को बड़े ही धूमधाम से पंचकोसी यात्रा की शुरुआत की गई। पहले दिन अहिरौली स्थित अहिल्या धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। 60 से 70 हजार लोगों ने माता अहिल्या का दर्शन कर दीप जलाये। इसके बाद...
सोमवार को बड़े ही धूमधाम से पंचकोसी यात्रा की शुरुआत की गई। पहले दिन अहिरौली स्थित अहिल्या धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। 60 से 70 हजार लोगों ने माता अहिल्या का दर्शन कर दीप जलाये। इसके बाद युगों से चली आ रही परंपरा के अनुसार लोगों ने अहिल्या धाम में पूआ-पकवान बनाकर प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। देश के कोने-कोने से साधु-सन्तों पहुँचे है। अहले सुबह सभी साधु रामरेखा घाट पर स्नान कर अहिरौली रवाना हुए।
photo1
भारतीय संस्कृति के नायक मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम द्वारा त्रेतायुग में शुरू की गई पंचकोसी यात्रा आज भी निर्बाध रूप से जारी है। शाहाबाद क्षेत्र में आज भी एक कहावत प्रसिद्ध है ‘माई बिसरी बाबू बिसरी, पंचकोसवा के लिट्टी-चोखा ना बिसरी’। पंचकोसी यात्रा के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
photo2
बता दें कि सोमवार को सुबह से अहिल्या धाम में श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। देखते ही देखते पूरा अहिल्या धाम श्रद्धालुओं से पट गया। वैसे दूर-दराज के लोग एक दिन पहले ही अहिरौली पहुंच गये थे। सबसे पहले लोगों ने गंगा स्नान किया। इसके बाद माता अहिल्या मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। सुबह से जारी पूजा-अर्चना का सिलसिला शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर के आसपास सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किये गये थे।
photo3