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पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की जमानत अर्जी खारिज

सीवान के चर्चित तेजाब हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या के मामले में पटना हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति जितेंद्र मोहन शर्मा की पीठ ने मामले पर...

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की जमानत अर्जी खारिज
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 Feb 2016 08:43 PM
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सीवान के चर्चित तेजाब हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या के मामले में पटना हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति जितेंद्र मोहन शर्मा की पीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया।

बता दें कि सीवान बाजार स्थित दुकान से दो भाइयों का अपहरण कर तेजाब से नहलाया गया। इस घटना को देख एक भाई बेहोश होकर गिर गया। बाद में किसी प्रकार वह वहां से बच निकाला। उस घटना के बाद पुलिस ने उसे मुख्य गवाह बना दिया।

2014 के जून में गवाह राजीव रौशन की भी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में पूर्व सांसद सहित उनके पुत्र को अभियुक्त बनाते हुए सीवान टाउन थाना कांड संख्या 220/14 दर्ज की गई थी।

राजीव रौशन मामले में शहाबुद्दीन को जमानत नहीं मिलने से बढ़ीं मुश्किलें
कार्यालय संवाददाता, सीवान। राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की रोज ब रोज मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चर्चित तेजाब कांड के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की हत्या मामले में आखिरकार हाई कोर्ट से शहाबुद्दीन को राहत नहीं मिली। इसके पहले 11 दिसम्बर को राजीव रौशन के दो भाईयों की हत्या में शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा हो चुकी है।

यह मामला भी हाई कोर्ट में अपील में है। दोनों कांडों में शहाबुद्दीन को जमानत नहीं मिली। तेजाबकांड के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की डीएवी कॉलेज मोड़ पर 16 जून 14 को साढ़े आठ बजे रात में अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। राजीव रौशन के पिता चंदाबाबू ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसमें जेल में बंद मो. शहाबुद्दीन को साजिश रचने व उनके पुत्र ओसामा पर गोली मारने का आरोप लगाया गया था।

पुलिस ने शहाबुद्दीन को इस मामले में रिमांड कर दिया और उनके पुत्र के बिन्दु पर पुलिस जांच करने लगी। इस मामले में सीवान कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में अपील की गई थी। पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन 12 साल से भी अधिक समय से जेल में बंद हैं। तीन दर्जन से अधिक मामले उनके ऊपर दर्ज हैं।

ट्रायल कोर्ट के गठन के बाद 12 मामलों का फैसला आ चुका है जिसमें आठ मामलों में 1 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो चुकी है। चार मामलों में बरी भी हो चुके हैं। वैसे तेजाब कांड व राजीव रौशन हत्या मामले को छोड़कर सभी मामलों में शहाबुद्दीन को जमानत मिल चुकी है। यदि 11 मामलों को छोड़ दें तो जेल के अंदर बने ट्रायल कोर्ट में अभी भी 37 मामले लंबित पड़े हैं।

किस मामले में हुई है सजा
चर्चित तेजाबकांड (दो भाईयों की हत्या)- उम्रकैद
छोटेलाल अपहरण कांड- उम्रकैद
एसपी सिंघल पर गोली चलाने के मामले में- 10 वर्ष
आर्म्स एक्ट के मामले में 10 वर्ष
जीरादेई थानेदार को धमकाने के मामले में 1 वर्ष
चोरी की मोटरसाइकिल बरामद में 3 वर्ष
माले कार्यालय पर गोली चलाने के मामले में 2 वर्ष  
राजनारायण के मामले में 2 वर्ष

किसमें हुए बरी
दारोगा संदेश बैठा के साथ मारपीट के मामले
डीएवी कॉलेज में बमबारी
सूता फैक्ट्री के मामले
एक अन्य मामले

मुझे इंसाफ चाहिए, अभीतक संतुष्ट नहीं
तीन बेटों को गंवाने वाले सीवान शहर के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने कहा कि मुझे इंसाफ चाहिए। अभी तक की कार्रवाई से मैं संतुष्ट नहीं हूं। तीनों बेटों की हत्या के मामले में सभी आरोपितों को फांसी की सजा नहीं होती है तबतक संतुष्ट होने का सवाल ही नहीं उठता है। वैसे मेरे तीनों बेटों की हत्या की भरपायी सजा से नहीं हो सकती है। अभी तक कोर्ट पर जरूर भरोसा है कि आरोपितों को सजा अवश्य मिलेगी।

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