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रोजी-रोटी के लिए निकले, पर ऐसे फंसे कि दाना-पानी को मोहताज

बाढ़ की जानकारी तो थी, पर त्रासदी का अंदाजा नहीं था...। सवाल था-रोजी-रोटी का...। इसलिए घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर मंजिल की ओर निकल पड़े। इस उम्मीद के साथ कि कुछ कमाई कर जल्द ही लौट आएंगे, पर सामने...

रोजी-रोटी के लिए निकले, पर ऐसे फंसे कि दाना-पानी को मोहताज
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Sep 2016 10:49 AM
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बाढ़ की जानकारी तो थी, पर त्रासदी का अंदाजा नहीं था...। सवाल था-रोजी-रोटी का...। इसलिए घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर मंजिल की ओर निकल पड़े। इस उम्मीद के साथ कि कुछ कमाई कर जल्द ही लौट आएंगे, पर सामने ऐसा नजारा आया कि आखें फटी रह गईं। 

बाढ़ में विक्रमशिला सेतु-नवगछिया पहुंच पथ धंसने के बाद ट्रकों की आवाजाही बंद कर दी गईं और जहां-तहां हजारों ट्रक फंस गए। सात दिनों से न खाने का ठिकाना और न ही रहने का। अपने ट्रकों की रखवाली के बीच दो समय का खाना भी बमुश्किल ही मिल पाता है। इन सबके बीच ऐसे चालक-खलासी भी मिले, जिनके पास न राशन था और न ही खाने के पैसे। आसपास कहीं चापाकल मिल गया तो ठीक, वरना प्यास बुझाने के लिए भी कई किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती है। 

भागलपुर-अमरपुर और भागलपुर-बौंसी मार्ग पर पिछले सात दिनों से ट्रकों का परिचालन ठप है। अमरपुर रोड पर हबीबपुर से लेकर बांका स्थित समुखिया मोड़ तक 40 किलोमीटर और रजौन मार्ग पर जगदीशपुर से लेकर रजौन सीमा पर 12 किलोमीटर तक दस हजार से भी अधिक ट्रक खड़े हैं। पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार समेत बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, नेपाल और पूर्वोत्तर तक के ट्रक खड़े हैं। 

ट्रक मालिकों द्वारा पैसे भेजने का आश्वासन तो दिया जा रहा है, लेकिन पैसे पहुंचे भी तो कैसे...। पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी सुध लेने की बात तो दूर, कोई यह बताने तक को तैयार नहीं कि उन्हें इस हाल से कब तक गुजरना पड़ेगा? ऐसे में उनकी मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। 

इन जगहों से पर फंसे हैं ट्रक
भागलपुर-बौंसी सड़क पर नेपाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, झारखंड, बंगाल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के करीब चार हजार ट्रक फंसे हैं। वहीं, भागलपुर-अमरपुर सड़क पर जिले के आसपास समेत झारखंड, यूपी, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल आदि के छह हजार से भी अधिक ट्रक खड़े हैं।

कई ट्रक चालक बीमार, दवा तक नहीं मिली
देवघर से ट्रक लेकर पूर्णिया जा रहे राजेंद्र शर्मा मधुमेह और रक्तचाप के मरीज हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले ही उनकी दवा खत्म हो गई। पैसों के भाव में वह दवा भी नहीं खरीद पा रहे हैं। वहीं, मधेपुरा के संजय कुमार दम्मा से ग्रस्त हैं। बताया कि दवा खत्म हो गई है और डॉक्टर ने जो दवा लिखी है, वह मिल नहीं रही है। समय काटना तक मुश्किल हो रहा है।

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