VIDEO: विद्यापतिनगर पीएचसी में कर्मियों व डॉक्टरों ने बंद किया इलाज़
विद्यापतिनगर पीएचसी प्रभारी डॉ. राम सिंह के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। डॉक्टर व फर्मासिस्ट के साथ दुर्व्यवहार एवं कॉलर पकड़कर घसीटने वाली घटना के बाद अन्य कर्मियों में भी...
विद्यापतिनगर पीएचसी प्रभारी डॉ. राम सिंह के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। डॉक्टर व फर्मासिस्ट के साथ दुर्व्यवहार एवं कॉलर पकड़कर घसीटने वाली घटना के बाद अन्य कर्मियों में भी दहशत है। इस कारण कर्मियों एवं डॉक्टरों ने बुधवार से कार्य बहिष्कार कर दिया। इसके कारण मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है।
इधर, भासा ने भी बैठक कर 48 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर तालाबंदी करने की घोषणा कर दी है। डॉक्टर व कर्मियों के कार्य बहिष्कार किये जाने के कारण सुबह से ही विद्यापतिनगर में ओपीडी सेवा ठप है। सिर्फ आपातकालीन सेवा को चालू रखा गया है। कर्मियों ने बताया कि सुरक्षा की समुचित व्यवस्था व आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किये जाने पर चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा। इधर, पीएचसी प्रभारी राम सिंह ने कहा कि केवल इमरजेंसी को फिलहाल हड़ताल से अलग रखा गया है। इधर, विद्यापतिनगर पीएचसी के साथ किये गये दुर्व्यवहार की घटना को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (भासा), समस्तीपुर इकाई की सदर अस्पताल परिसर में हुई आपात बैठक में डॉक्टरों ने घटना की निंदा करते हुये इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। साथ ही दोषी आंदोलनकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग जिला प्रशासन से की। भासा की बैठक जिला सचिव डॉ. एवी सहाय ने की।
डॉ. सहाय ने कहा कि अगर 48 घंटे के अंदर दोषी लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी तो डॉक्टर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। साथ ही सुरक्षा को देखते हुये अस्पताल में तालाबंदी कर कार्यों का बहिष्कार किया जायेगा। जिसकी सारी जवाबदेही जिला प्रशासन एवं सरकार की होगी। इसके बाद चिकित्सकों ने आपातकालीन कक्ष के सामने सुरक्षा की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की।
विद्यापतिनगनर का है मामला
जिले के विद्यापतिनगर पीएचसी प्रभारी राम सिंह एवं फार्मासिस्ट अशोक चौरसिया पर कई गंभीर आरोप लगाते हुये लोगों ने सोमवार को सड़क जाम कर दिया था। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने पीएचसी प्रभारी एवं फार्मासिस्ट को पीएचसी से खींचकर जाम स्थल पर लाया, जहां दोनों को बंधक बनाकर दुर्व्यवहार किया गया। काफी मशक्कत के बाद मामला शांत हो पाया था।