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चंद मिनटों में खुली ट्रेन, सैकड़ों की छूटी, कई रिश्‍तेदार बिछड़े

मुजफ्फरपुर से आनंद विहार टर्मिनल जाने वाली सप्तक्रांति सुपर फास्ट एक्सप्रेस बुधवार को एक घंटा विलंब से प्लेटफॉर्म पर खड़ी हुई। महज दस मिनट रुकने के बाद ट्रेन के खुल जाने से सैकड़ों यात्री सवार नहीं हो...

चंद मिनटों में खुली ट्रेन, सैकड़ों की छूटी, कई रिश्‍तेदार बिछड़े
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 01 Dec 2016 07:23 AM
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मुजफ्फरपुर से आनंद विहार टर्मिनल जाने वाली सप्तक्रांति सुपर फास्ट एक्सप्रेस बुधवार को एक घंटा विलंब से प्लेटफॉर्म पर खड़ी हुई। महज दस मिनट रुकने के बाद ट्रेन के खुल जाने से सैकड़ों यात्री सवार नहीं हो सके। इनमें ज्यादातर वृद्ध, बीमार, महिला व बच्चे शामिल थे। 

रिश्तेदारों से बिछड़ जाने के बाद कई बच्चे व महिलाएं जंक्शन पर रोने लगीं। यात्रा से वंचित यात्रियों ने रेलवे के प्रति आक्रोश जताया। बाद में आरपीएफ ने छूटे यात्रियों को नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति व वैशाली एक्सप्रेस पर सवार करवाया। इससे यात्रियों को राहत मिली।

सप्तक्रांति एक्सप्रेस प्रतिदिन दोपहर 12:35 बजे प्रस्थान करती है। यह पौने 12 बजे तक प्लेटफॉर्म पर खड़ी हो जाती है, लेकिन बुधवार को यह ट्रेन दोपहर 12:40 बजे प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर खड़ी हुई और 10 मिनट बाद खुल गयी। प्लेटफॉर्म पर हजारों यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। ठंड के कारण यात्रियों के पास सामान अधिक थे। शहीद, संपर्क क्रांति व वैशाली एक्सप्रेस विलंब होने से सप्तक्रांति से जाने के लिए यात्रियों की भीड़ अधिक थी। प्लेटफॉर्म पर ट्रेन पहुंचते ही यात्री सवार होने के लिए बेचैन हो गये। बहुतेरे यात्री आपातकालीन खिड़की व शौचालय की खिड़की तोड़कर जनरल कोच में घुस गये। विलंब की सूचना पर स्टेशन अधीक्षक सुधीर कुमार ने ट्रेन को र्शंंटग कराकर प्लेटफॉर्म पर खड़ा कराया। 

यात्री गुस्से में
’  महज दस मिनट प्लेटफॉर्म पर रुकने के कारण काफी संख्या में यात्री नहीं हो सके सवार
’  बड़ी संख्या में यात्री आपातकालीन व शौचालय की खिड़की तोड़ कर सवार हुए जनरल कोच में
’  ट्रेन पौने 12 बजे के बदले 12 बजकर 40 मिनट पर खड़ी हुई प्लेटफॉर्म पर
’  संपर्क क्रांति व वैशाली एक्सप्रेस के विलंब होने के कारण बढ़ी थी यात्रियों की भीड़ 
ट्रेन पर सवार हो चुके पिता से बिछड़ने के बाद जंक्शन पर घंटों रोती रही गुड़िया 

सीतामढ़ी के मेजरगंज की आठ साल की बच्ची गुड़िया भी ट्रेन में नहीं सवार हो सकी। जबकि उसके पिता ट्रेन में सवार होकर रवाना हो गए थे। पिता से बिछड़ने जाने पर गुड़िया जंक्शन पर घंटों तक रोती रही। बाद में उसके गांव के युवक घर ले गए। बोचहां प्रखंड के सर्फुद्दीनपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार ने सप्तक्रांति में सवार होने की कोशिश की। लेकिन पत्नी व बच्चों के कारण ट्रेन में सवार नहीं हो सके। यात्रा से वंचित यात्रियों ने रेलवे पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि यह ट्रेन यात्रा से 24 घंटा पहले जंक्शन पर आ जाती है। हमेशा समय पर प्रस्थान करती है। 

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