पटना जिले के 18 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द
सोशल मीडिया एकाउंट नहीं होना नेता जी को महंगा पड़ गया। भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल साइट इस्तेमाल करने वाले उम्मीदवारों से इसकी सूचना मांगी थी। सोशल मीडिया एकाउंट के तहत फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर, ब्लॉग...
सोशल मीडिया एकाउंट नहीं होना नेता जी को महंगा पड़ गया। भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल साइट इस्तेमाल करने वाले उम्मीदवारों से इसकी सूचना मांगी थी। सोशल मीडिया एकाउंट के तहत फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर, ब्लॉग पर सक्रिय रहने की जानकारी देनी थी या एकाउंट नहीं होने पर कॉलम में लागू नहीं लिखना था।
इसके अलावा भी अन्य कॉलमों जैसे पैन नंबर आदि को खाली छोड़ने पर भी नामांकन रद्द हो गया। शुक्रवार को पटना की 14 सीटों पर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच तीन बजे तक कलेक्ट्रेट व निर्वाची पदाधिकारियों के कार्यालय में हुई। इस दौरान 18 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द कर दिया गया।
पटना में अब 266 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बच गए हैं। हालांकि नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन 12 अक्टूबर के बाद ही उम्मीदवारों का अंतिम आंकड़ा सामने आएगा। खास बात यह है कि एक भी महिला का नामांकन रद्द नहीं हुआ।
बांकीपुर सीट से नामांकन दाखिल करने वाले जवान किसान मोर्चा के प्रत्याशी योगेन्द्र प्रसाद यादव ने सोशल एकाउंट की जानकारी नहीं दी थी। अपने शपथ पत्र में सोशल मीडिया एकाउंट वाले कॉलम को खाली छोड़ दिया था। इतना ही नहीं ई-मेल वाले कॉलम में भी कुछ नहीं लिखा था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार शपथ पत्र में एक भी कॉलम को खाली नहीं छोड़ेंगे। संबंधित कॉलम में लागू नहीं या नॉट एप्लिकेबल लिख सकते हैं। उस कॉलम को किसी भी हाल में खाली नहीं रखना है। बांकीपुर के निर्वाची पदाधिकारी मिथिलेश सिंह ने बताया कि संबंधित उम्मीदवार को इसकी जानकारी दी गई थी। नामांकन जांच के दिन तीन बजे तक निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में आकर कॉलम को भरने का मौका भी दिया गया था। इसी कारण बांकीपुर से दो उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करना पड़ा। यही हाल दीघा सीट पर भी देखने को मिला। दीघा के निर्वाची पदाधिकारी रेयाज अहमद ने बताया कि दीघा से दो उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हुआ है। दोनों उम्मीदवार ने शपथ पत्र में कॉलम खाली छोड़ा था।
इन कारणों से रद्द हुआ नामांकन
पालीगंज में निर्दलीय उम्मीदवार छोटक पासवान के हलफनामे में त्रुटि पाई गई। मोकामा विधानसभा क्षेत्र के संख्यानुपाती भागीदारी पार्टी के धनंजय मांझी तथा निर्दलीय अर्जुन सिंह निषाद के नामांकन पत्र में प्रस्तावक का हस्ताक्षर नहीं होने के साथ ही हलफनामा में गड़बड़ी थी। मसौढ़ी विस क्षेत्र से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रत्याशी जगत पासवान ने पार्टी का सिम्बल नहीं जमा किया था। पर्चे में कई प्रविष्टियां अपूर्ण मिलीं। हस्ताक्षर भी नहीं था। फुलवारीशरीफ विधानसभा सीट से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदयाल दुसाध का फॉर्म पूर्णरूप से नहीं भरा था।
आठ सीट पर 15 से अधिक हैं उम्मीदवार
नामांकन के अंतिम दिन 11 सीट पर 15 से अधिक उम्मीदवार थे। जांच के दिन नामांकन रद्द होने के बाद अब आठ सीट पर 15 से अधिक उम्मीदवार बच गए हैं। मोकामा में 20, दीघा में 32, कुम्हरार में 34, पटना साहिब में 18, फुलवारी में 19, मसौढ़ी में 19 एवं बिक्रम में 20 उम्मीदवार रह गए हैं। खास बात यह है कि कुम्हरार सीट से एक भी नामांकन रद्द नहीं हुआ। सबसे कम उम्मीदवार दानापुर में 13 मनेर में भी 13 रह गए हैं।
इन उम्मीदवारों के नामांकन हुए रद्द
विधानसभा उम्मीदवार पार्टी
मोकामा धनंजय मांझी संख्यानुपाति भागीदारी पार्टी
अर्जुन सिंह निर्दलीय
बाढ़ राजीव प्रताप सिंह झारखंड मुक्ति मोर्चा
शिवनंदन निर्दलीय
दीघा रामइकबाल सिंह इंटरनेशनल पार्टी
राम प्रसाद नायडू निर्दलीय
बांकीपुर योगेन्द्र प्रसाद यादव जवान किसान मोर्चा
कृष्ण नंदन प्रसाद राष्ट्रीय जनजन पार्टी
पटना साहिब शिव बिहारी सिंघानिया भारत निर्माण पार्टी
फतुहा मुन्ना सिंह निर्दलीय
अमित कुमार जम्मू कश्मीर पेंसनर पार्टी
मनेर सूर्यवंश सिंह नेशनल जनता पार्टी,आई
फुलवारी राम दयाल दुसाध रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
मसौढ़ी जगत पासवान रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया
पालीगंज छोटक पासवान निर्दलीय
बिक्रम अनिल कुमार राष्ट्रीय जागृति पार्टी
विनय गिरी निर्दलीय
अशोक कुमार निर्दलीय