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नीतीश किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं: मांझी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में किसानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं है। इनके राज में जहां किसान और मजदूर बेहाल हैं, वहीं ठेकेदारों की मौज है। नीतीश कुमार में जरा भी नैतिकता बची है,तो किसानों के धान के...

नीतीश किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं: मांझी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 24 May 2015 11:24 AM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में किसानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं है। इनके राज में जहां किसान और मजदूर बेहाल हैं, वहीं ठेकेदारों की मौज है। नीतीश कुमार में जरा भी नैतिकता बची है,तो किसानों के धान के बकाये रुपये का अविलंब भुगतान करें। ये बातें शनिवार को कोडिहरा गांव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहीं। उन्होंने कहा कि अगर राजकोष में पैसा नहीं है, तो ऋण लेकर उनके पैसे का भुगतान करें। उन्होंने कहा कि हम दूसरे राज्यों में किसान आत्महत्या की खबर सुनते थे, अब यह बिहार में भी होने लगी है।

विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार की अन्य नाकामियों के साथ यह भी एक अहम चुनावी मुद्दा रहेगा। इसके पूर्व उन्होंने मृत किसान भरत सिंह के परिजनों से मिलकर घटना के प्रति संवेदना व्यक्त की और मदद का हरसंभव भरोसा दिलाया। श्री मांझी ने ग्रामीणों से घटना की पूरी जानकारी ली। ग्रामीण रामाश्रय सिंह ने बिहटा ग्रिड में बिजली आपूर्ति चालू होने के बाद भी गांवों तक बिजली नहीं पहुंचने की शिकायत की।

प्रभारी मंत्री पर दर्ज हो एफआईआर
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने किसान भरत सिंह की आत्महत्या को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रभारी मंत्री श्याम रजक व गया डीएम पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धान के बकाये रुपये को लेकर कोडिहरा के ग्रामीण श्याम रजक से मिलने गए थे। वहां उन्हें अपमानित किया गया। इस के बाद सदमे में आये किसान भरत सिंह ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को मंत्रिमंडल में रखते हुए नीतीश सरकार को शर्म आनी चाहिए, जो किसानों को मौत के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार हैं।

परिजनों को मिले दस लाख की मुआवजा
किसान भरत सिंह के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे के साथ परिवार को विभिन्न योजनाओं के तहत नियोजित करने की मांग पूर्व सीएम ने उठाई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले को दुर्घटना में मौत का मामला मान रही है, जबकि छत के किनारे वाली सीरे पर दो फुट ईंट की रेलिंग है। ऐसे में कोई कैसे अनजाने में हादसे का शिकार हो सकता है। उन्होंने मौत को आत्महत्या का मामला बताया व जिला प्रशासन से जल्द मुआवजे के लिए आवश्यक कार्रवाई पूरी करने की बात कही।

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