मंडल कारा से भाग चुके हैं दर्जनभर कुख्यात बंदी
मंडलकारा की कड़ी सुरक्षा के बाद भी कई बार दर्जनों कुख्यात जेल की दीवार फांद कर फरार हो चुके हैं। इनमें से कई को पकड़ा नहीं जा सका है। चार वर्ष पूर्व मंडलकारा के दो मंजिले वार्ड में बंद चकिया (पूर्वी...
मंडलकारा की कड़ी सुरक्षा के बाद भी कई बार दर्जनों कुख्यात जेल की दीवार फांद कर फरार हो चुके हैं। इनमें से कई को पकड़ा नहीं जा सका है। चार वर्ष पूर्व मंडलकारा के दो मंजिले वार्ड में बंद चकिया (पूर्वी चम्पारण) के कृष्णा राम व मनुआपुल के एक अपराधी ने खिड़की में लगे ग्रिल को तोड़ कर फरार हो गये। फरार होने के लिए लोहे की छड़ को हुकनुमा बना धोती बांध दीवार में फंसा दिया गया था।
हालांकि कृष्णा को बैरिया के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह ने गिरफ्तार कर लिया था। जबकि दूसरा आज तक पकड़ से बाहर है। वहीं 2010 में पूजहा पटजिरवा निवासी अमर मुखिया तथा धनहा का किशोरी बीन ठंड के मौसम में कोहरे का फायदा उठा फरार हो गये थे। इस मामले में तत्कालीन मंडलकारा अधीक्षक रमेश चन्द्र जायसवाल ने एफआईआर दर्ज करायी थी। अमर मुखिया गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि किशोरी बीन आज भी फरार है। इसके पूर्व अगस्त 2002 में 8 कुख्यात मंडलकारा से फरार हो गये थे। फरार होने वाले डकैती, हत्या, बलात्कार तथा मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल थे। इनमें से दो मुसाफिर यादव व लाल बिहारी प्रसाद दर्जनों कांड के आरोपी व सजायाफ्ता थे।
इनके साथ फरार होने वालों में भोला मुखिया मोहन साह, दिनेश पासवान, जगदीश यादव, लालबाबू साह तथा पूर्वी चम्पारण के सुगौली का मो. अफजल शमिल था। इस मामले में तत्कालीन मंडलकारा अधीक्षक विश्वनाथ पासवान ने एफआईआर दर्ज करायी थी।