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बेंगलुरु में बंधक बने उत्तर बिहार के 23 मजदूर मुक्त

बंगलुरु की एक फैक्ट्री में काम करने के लिए ले जाकर बंधक बनाए गए 23 मजदूरों को एक एनजीओ के सहारे मुक्त करा लिया गया। सभी मजदूरों को सोमवार को सीतामढ़ी लाकर श्रम अधीक्षक के कार्यालय में सुपुर्द किया...

बेंगलुरु में बंधक बने उत्तर बिहार के 23 मजदूर मुक्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 24 Jan 2017 03:18 PM
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बंगलुरु की एक फैक्ट्री में काम करने के लिए ले जाकर बंधक बनाए गए 23 मजदूरों को एक एनजीओ के सहारे मुक्त करा लिया गया। सभी मजदूरों को सोमवार को सीतामढ़ी लाकर श्रम अधीक्षक के कार्यालय में सुपुर्द किया गया। यहां से सभी मजदूर घर भेजे गए। मुक्त कराए गए मजदूरों में सीतामढ़ी के 6, मधुबनी के 16 व एक दरभंगा का रहने वाला है। 

श्रम अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि बंगलुरु में काम कराने के लिए मधुबनी का गणेश कुमार सभी को नौकरी दिलाने के बहाने करीब एक साल पहले ले गया। वहां ले जाकर वह एक फैक्ट्री में काम करवा रहा था। लेकिन, इसके बदले उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही थी। उसने इन लोगों के बैंक खाते भी ले लिए थे कि खाते में पैसा भेज दिया जाएगा। लेकिन रुपए खाते में भी नहीं भेजे गए। परिजनों से उनकी बातचीत नहीं कराई जा रही थी। 

उन्होंने बताया कि एक दिन किसी तरह एक मजूदर के हाथ मालिक का मोबाइल लग गया। उसने मोबाइल गायब कर एक एनजीओ को फोन किया। उसके सदस्य कंपनी में पहंुचे और पुलिस के सहारे सभी को मुक्त कराया। एनजीओ ने वहां से सीतामढ़ी के श्रम विभाग को पूरे मामले की जानकारी दी। साथ ही एनजीओ के लोगों ने ही मुक्त कराए गए सभी मजदूरों को सीतामढ़ी पहुंचाया। यहां सभी का बयान लेने के बाद परिजनों को सूचना दी गई और उनको सौंप दिया गया। 

एनजीओ के सदस्य राजेश कुमार ने बताया कि सभी को मानदेय दिलाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में बंगलुरुपुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है। 

मुक्त कराए गए लोगों में बाजपट्टी के रतवाड़ा गांव के जितेन्द्र सदा, राजकुमार सदा, सुनील सदा, सुप्पी प्रखंड के राजेश मांझी, गोविंद पासवान, लालबाबू कुमार आदि शामिल हैं।  

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