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सियासी जंग: सीटों के बंटवारे के लिए महागठबंधन में खींचतान

महागठबंधन की घोषणा के बाद घटक दलों के बीच सीटों के लिए अभी से खींचातानी शुरू हो गई है। प्रत्याशी चयन को लेकर कहीं नेताओं में बेचैनी है तो कहीं घमासान मचा है। पूर्णिया की सात सीटों में से दो पर जदयू...

सियासी जंग: सीटों के बंटवारे के लिए महागठबंधन में खींचतान
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Jul 2015 09:16 AM
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महागठबंधन की घोषणा के बाद घटक दलों के बीच सीटों के लिए अभी से खींचातानी शुरू हो गई है। प्रत्याशी चयन को लेकर कहीं नेताओं में बेचैनी है तो कहीं घमासान मचा है।
पूर्णिया की सात सीटों में से दो पर जदयू का कब्जा है जबकि  राजद और कांग्रेस की झोली में एक-एक सीट है। राजद ने यह सीट उपचुनाव में भाजपा से छीनी थी। महागठबंधन के तीन घटक जदयू, राजद और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सीटिंग सीटों पर फेरबदल की गुंजाइश कम दिख रही है। धमदाहा और रुपौली की सीट पर जदयू का कब्जा है। इस लिहाज से जदयू के खाते में ये दोनों सीटें जानी तय मानी जा रही है। पिछले चुनाव में कसबा सीट पर कांग्रेस जीती थी और अमौर सीट पार्टी की परम्परागत सीट है। इसलिए कांग्रेस का कसबा के अलावा अमौर सीट पर भी दावा है। राजद के खाते में मात्र एक सीट बायसी है।

पिछले चुनाव में इस सीट पर भाजपा से संतोष कुमार कुशवाहा जीते थे लेकिन लोकसभा चुनाव में श्री कुशवाहा की जीत के बाद यह सीट खाली हो गई। उपचुनाव में इस पर राजद का कब्जा हो गया। कायदे से यह सीट हर हाल में राजद को मिलनी चाहिए। असली परेशानी पूर्णिया सीट पर है। इसपर राजद, जदयू और कांग्रेस तीनों ने दावा ठोक दिया है।

राजद की कोशिश है कि सात में से तीन सीटें उसे मिलें। एक सीट पर वह अभी सीटिंग है। बाकी दो सीट बनमनखी और पूर्णिया पर उसने दावा किया है। इधर, पूर्णिया की सीट पर कांग्रेस भी दावा कर रही है। दोनों के अलग-अलग तर्क हैं। राजद जहां लोकसभा के चुनाव में मिले मतों को आधार बना रहा है वहीं कांग्रेस विगत विस चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को आधार बना रही है।

पिछले 2009 के विस चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी। राजद का कहना है कि लोस चुनाव में इस विस से कांग्रेस काफी मतों से पिछड़ गई थी इसलिए उसका आधार नहीं बनता है। दूसरी ओर जदयू भी इस सीट को हथियाने के लिए ऐड़ी-चोटी एक किये हुए है। जदयू का तर्क है कि इस जिले में जदयू के दो मंत्री और एक सांसद हैं। ऐसे में उसका दावा अन्य पार्टियों से अधिक बनता है।

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