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भाजपा बोली जातिवादी राजनीति को बेचैन राजद-जदयू, 13 को लालू का प्रदर्शन

केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना जारी न करने के फैसले के बाद बिहार में इसको लेकर जबरदस्त राजनीति शुरू हो गई है। चुनावी माहौल में राजनीतिक पार्टियों को एक नया मुदृदा मिल गया है। राजद सुप्रीमो...

भाजपा बोली जातिवादी राजनीति को बेचैन राजद-जदयू, 13 को लालू का प्रदर्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 06 Jul 2015 10:47 AM
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केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना जारी न करने के फैसले के बाद बिहार में इसको लेकर जबरदस्त राजनीति शुरू हो गई है। चुनावी माहौल में राजनीतिक पार्टियों को एक नया मुदृदा मिल गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जहां इसको रिपोर्ट को जारी करने के लिए राजभवन मार्च करेंगे और 13 को प्रदेश भर में प्रदर्शन होगा वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे राजद-जदयू की जातिवादी राजनीति की बेचैनी बता रही है।

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने जातीय मतगणना रिपोर्ट जारी नहीं किए जाने को लेकर राजद और जदयू की ओर से केंद्र सरकार पर उठाए जा रहे सवालों को बेतुका बताया है। श्री यादव ने कहा कि जाति और मजहब की राजनीति करने वाले लोग इस रिपोर्ट का सहारा लेकर समाज की समरसता बिगाड़ना चाहते हैं। बिहार में इस समय एनडीए के नेतृत्व में विकास की लहर चल रही है, जिससे बौखलाए राजद-जदयू जैसे दल जातिवादी राजनीति को हवा देने की साजिश में जुटे हैं।

श्री यादव ने कहा कि 84 साल बाद सामाजिक-आर्थिक मतगणना की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने देश और बिहार पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली कांग्रेस और राजद जैसे उसके सहयोगी दल को आईना दिखा दिया है। बिहार में 75 फीसदी परिवारों को सिर्फ 5 हजार रुपये महीना में काम चलाना होता है। खेती से इतनी आमदनी भी नहीं होती कि उसमें जुटे परिवार की मजदूरी समेत लागत निकल आए, फिर भी 18 फीसदी परिवार खेती पर निर्भर हैं। पौने दस करोड़ से ज्यादा लोग गांवों में रहते हैं और ज्यादातर के पास पक्के मकान नहीं हैं। शिक्षा का जदयू सुप्रीमो ढोल पीटते हैं और हाल ये है कि 43.85 फीसदी ग्रामीण अशिक्षित हैं।

13 को बिहार के गांव गांव में प्रदर्शन

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट को शीघ्र जारी करे नही तो 13 जुलाई को राजधानी पटना समेत बिहार के गांव गांव में रोषपूर्ण प्रदर्शन किया जायेगा।
श्री यादव ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में राजद के 19वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जनगणना से जाति की स्थिति का पता चल जायेगा और इसी को देखते हुए इस रिपोर्ट को दबा दिया गया है। पशु, पक्षी, मोर-मोरनी और शेर-घड़यिाल का गणना कराया गया है तो फिर लोगों की रिपोर्ट को क्यों दबा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह सब एक साजिश के तहत की गयी है।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर जातीय गनगणना रिपोर्ट को दबा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह लोगों को बताना चाहिए कि किसके दबाव के कारण इस रिपोर्ट को नहीं प्रकाशित होने दिया गया है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना रिपोर्ट के प्रकाशित होने से बजट में इसके लिये अलग से प्रावधान किया जाता लेकिन केन्द्र सरकार ऐसा करना नही चाहती है।
श्री यादव ने कहा कि जातीय जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित किये जाने की मांग को लेकर उनके नेतृत्व में 13 जुलाई को राजधानी पटना स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा स्थल से  राजभवन मार्च निकाला जायेगा। इसी तरह पार्टी के कार्यकर्ता सभी जिलों और गांव-गांव में 13 जुलाई को ही रोषपूर्ण भी प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उनकी पार्टी भाजपा और आरएसएस को बिहार में बेनकाव करने का काम करेगी।
राजद अध्यक्ष ने अपने ही अंदाज में कहा कि भाजपा पहले जातीय जनगणना रिपोर्ट को प्रकाशित करे उसके बाद बिहार विधानसभा के चुनाव में वोट मांगने के लिये आएं। पार्टी का यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना की रिपोर्ट से यह स्पष्ट पता चलता है कि देश के गांवों में हर तीसरा परिवार भूमिहीन है। इसी तरह 17 करोड़ 91 लाख ग्रामीण परिवारों में से लगभग दस करोड़ 69 लाख परिवार वंचित माने गये है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते है।

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