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नीतीश बताएं करोड़ों रुपये क्या चारा को जाएगाः मोदी

बिहार को अगले पांच साल में केंद्र की तरफ से तीन लाख 74 हजार करोड़ मिलेगा। यह पैसा मेरे एक लाख 65 हजार करोड़ से अलग होगा। नीतीश कुमार का पैकेज मात्र दो लाख 74 हजार का है अब वो बताएं कि बाकी का एक लाख 6...

नीतीश बताएं करोड़ों रुपये क्या चारा को जाएगाः मोदी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 02 Sep 2015 12:54 AM
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बिहार को अगले पांच साल में केंद्र की तरफ से तीन लाख 74 हजार करोड़ मिलेगा। यह पैसा मेरे एक लाख 65 हजार करोड़ से अलग होगा। नीतीश कुमार का पैकेज मात्र दो लाख 74 हजार का है अब वो बताएं कि बाकी का एक लाख 6 हजार करोड़ कहां जाएगा। क्या यह पैसा चारे के लिए लगाया जाएगा। भागलपुर के हवाई अड्डा मैदान में चुनावी सभा के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैकेज की राजनीति का करारा जवाब दिया।

आपने सबके प्रणाम करई छियए, हमें आपने सबके आशीर्वाद चाहिए। मैथिली के इन शब्दों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर की जनता को संबोधित करना शुरू किया। हवाईअड्डा मैदान पर रैली में पहुंची भीड़ को देखकर मोदी उत्साहित दिख रहे हैं। उन्होंने सभी पॉलीटिकल पंडितों से कहा कि देख लो बिहार के लोग अब विकास के लिए बदलाव के लिए वोट किसे करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 25 साल बाद बिहार की जनता विकास के लिए वोट करने जा रही है।

25 सालों के शासन का हिसाब दें
अगर चुनाव बिहार विधानसभा का है तो 25 साल से जिन लोगों ने बिहार पर राज किया है उन लोगों को अपने कामकाज का हिसाब किताब देना चाहिए। 2019 का जब लोकसभा चुनाव होगा तो मैं फिर से आप लोगों के  बीच आऊंगा और मैं अपने पांच साल के काम का हिसाब दूंगा। लोकतंत्र में जो सरकार में बैठे हैं उनकी जिम्मेवारी है कि वो अपने 25 साल के काम का हिसाब देना चाहिए। लेकिन सरकार अपने काम का हिसाब नहीं दे रहे। बल्कि वे लोग उलटा मोदी से हिसाब मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि 2015 तक बिजली देने का वादा किया था पर क्या बिजली आई, नहीं तो उन्होंने वादाखिलाफी की। इसलिए बिहार के नौजवान 25 साल का जवाब मांगे।

पैकेजे की राजनीति से बिहार में विकास का चुनावी मुद्दा बना
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरा में एक लाख 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। कुल मिलाकर बिहार को दिल्ली सरकार के खजाने से एक लाख 65 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। हमारे विरोधियों ने पहले तो तमाम बातें बनाईं लेकिन बाद में उन्हें भी दो लाख 70 हजार करोड़ के पैकेज को लेकर सामने आना पड़ा। जैसे भी हो मुझे खुशी है कि बिहार में इस बार विकास का मुद्दा बन गया है। जो लोग जाति के नाम पर राजनीति करते रहे अब वे भी विकास की राह पर आ रहे हैं। इस तरह विकास के रास्ते पर ये चुनाव चल पड़ा है। मैं तो चाहता हूं कि राज्यों के बीच विकास की प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।

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