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बिहार में बने काम करने वालों की सरकार: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष तैलिक साहू समाज के अध्यक्ष व बिहार वैश्य महासभा के संरक्षक कृष्णा प्रसाद अपने दर्जनों समर्थक के साथ बुधवार को जदयू में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में...

बिहार में बने काम करने वालों की सरकार: नीतीश
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 25 Jun 2015 04:17 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष तैलिक साहू समाज के अध्यक्ष व बिहार वैश्य महासभा के संरक्षक कृष्णा प्रसाद अपने दर्जनों समर्थक के साथ बुधवार को जदयू में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में वैसे दल की ही सरकार होनी चाहिए जो काम कर सके। भाजपा के लोग हिन्दुओं को मुस्लिम का डर दिखाकर वोट लेना चाहते हैं। बिहार और आगे बढ़े इसमें केंद्र को सहयोग करना चाहिए लेकिन भाजपा के लोग मजाक बनाते रहते हैं। वे कह रहे हैं कि केंद्र सरकार बिहार को बिजली दे रही है। मुफ्त में नहीं मिलती है बिजली, राज्य सरकार बिजली आपूर्ति का भुगतान करती है।

जदयू के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से गली-गली, मोहल्ले-मोहल्ले पर्चा पर चर्चा कार्यक्रम आरंभ हो गया है। दो जुलाई से घर-घर दस्तक का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। आठ दिन बाद विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन होगा। भाजपा के लोग इस बात से परेशान हैं कि जदयू के लोगों ने भाजपा से पहले होर्डिंग बुक करा लिया है। उन्होंने बिहार के लिए अगले दस वर्षो के लिए नीतियां तैयार करने को लेकर जनभागीदारी केंद्रित अभियान शुरू कराया था। भाजपा के लोगों को यह भी सहन नहीं हुआ। इस पर निर्वाचन आयोग में शिकायत करवा कर रोक लगवा दी। भाजपा वाले किस-किस चीज पर रोक लगवाएंगे। इस मौके पर सांसद आरसीपी सिंह व जदयू व्यवसायी प्रकोष्ठ के संयोजक ललन सर्राफ ने भी अपने विचार रखे।

केंद्र कुछ करना चाहता है तो हमारे प्रस्ताव पर विचार करे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि अगर बिहार को सहायता देने पर वाकई कोई ठोस निर्णय होना है तो केन्द्र इससे पहले राज्य सरकार की ओर से दिए गए ज्ञापन पर विचार करे व फिर निर्णय ले। अगर सहकारी संघवाद को सही मायने में साकार करना है, तो हमारे प्रस्ताव पर त्वरित कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री ने अपने उस ज्ञापन की याद दिलाई है जिसे उन्होंने 26 मार्च को खुद प्रधानमंत्री को सौंपा था। इसमें लिखा था कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा से बिहार को कितना नुकसान हो रहा है। उसकी भरपाई के लिए विशेष व्यवस्था की मांग की गई थी। इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर भी उन्होंने बताया था। बजट में वित्त मंत्री ने तब बिहार को आंध्र प्रदेश की तर्ज पर विशेष सहायता देने की बात कही थी। पुन: इस बारे में 8 मई को केंद्रीय वित्त मंत्री को अवगत कराया गया कि नीति आयोग ने अनुशंसा की है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के माध्यम से बिहार के लिए जो विशेष सहायता दी जानी है, उसे जारी रखा जाए।

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