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सरकार से अनुमति मिली तो और कॉलेजों में कॉमर्स की पढ़ाई

भागलपुर विश्वविद्यालय कुछ और कॉलेजों में कॉमर्स की पढ़ाई शुरू करने पर विचार कर रहा है। प्रयास यह किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत पड़ने वाले जिलों के अनुमंडलों में कम से कम एक कॉलेज में...

सरकार से अनुमति मिली तो और कॉलेजों में कॉमर्स की पढ़ाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 23 May 2017 01:36 AM
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भागलपुर विश्वविद्यालय कुछ और कॉलेजों में कॉमर्स की पढ़ाई शुरू करने पर विचार कर रहा है। प्रयास यह किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत पड़ने वाले जिलों के अनुमंडलों में कम से कम एक कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई शुरू कराई जाए। कॉमर्स की मांग बढ़ने लेकिन काफी कम कॉलेजों में इसकी पढ़ाई होने को लेकर एकेडमिक काउंसिल और सीनेट में मामला उठा चुका है। हालांकि विश्वविद्यालय को इसके लिए अंतिम रूप से सरकार से अनुमति लेनी होगी।

दरअसल, कॉमर्स के डीन प्रो. पवन कुमार पोद्दार ने इस मामले को सबसे पहले उठाया था कि विश्वविद्यालय के 29 अंगीभूत कॉलेजों में से कुछ में ही कॉमर्स की पढ़ाई हो रही है। इसलिए इसे बढ़ावा देने के लिए और कॉलेजों में इसकी पढ़ाई कराई जाए। प्रत्येक अनुमंडल के कम से कम एक कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई हो तो छात्रों की मांग भी पूरी होगी और कॉमर्स की पढ़ाई को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रो. पेाद्दार ने बताया कि कॉमर्स की पढ़ाई के लिए उन्होंने समय-समय पर यह प्रस्ताव रखा था। निर्णय विश्वविद्यालय को लेना था।

इस बारे में कॉलेज इंस्पेक्टर और पीआरओ डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि संबद्ध कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करना आसान है क्योंकि इस पर आने वाला खर्च विश्वविद्यालय को वहन नहीं करना होगा। लेकिन अंगीभूत कॉलेजों के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। एक कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई शुरू करने पर तीन शिक्षक और एक या दो कर्मचारी की भी नियुक्ति करनी होगी। इनके वेतन पर आने वाला खर्च सरकार को उठाना होगा। इसलिए सरकार की अनुमति जरूरी है।

छूट जाती है कॉमर्स की पढा़ई

विवि में जितने कॉलेज हैं उन सब में इंटर की पढ़ाई होती है। प्रत्येक कॉलेज में आई.कॉम में 512 सीट होने की स्थिति में 29 कॉलेजों से कुल 14 हजार 848 छात्र पास आउट होते हैं। लेकिन इनके लिए बी.कॉम में दाखिले के लिए सभी कॉलेज (जिनमें कॉमर्स की पढ़ाई होती है)मिलकार कुल लगभग तीन हजार सीटें ही हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्र बी.कॉम की पढा़ई नहीं कर पाते हैं।

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