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शिक्षक के इंकार के बाद भी शिक्षक को बनाया जाएगा प्राचार्य

बीआरएम कॉलेज मुंगेर में प्राचार्य पद का मामला विवाद में उलझा गया है। इस वजह से लगभग 15 दिनों से यहां यह पद खाली है। विवाद वरीयता को लेकर छिड़ा है और अब तक भागलपुर विश्वविद्यालय नए प्रभारी प्राचार्य...

शिक्षक के इंकार के बाद भी शिक्षक को बनाया जाएगा प्राचार्य
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Mar 2017 01:48 AM
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बीआरएम कॉलेज मुंगेर में प्राचार्य पद का मामला विवाद में उलझा गया है। इस वजह से लगभग 15 दिनों से यहां यह पद खाली है। विवाद वरीयता को लेकर छिड़ा है और अब तक भागलपुर विश्वविद्यालय नए प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति की अधिसूचना जारी नहीं कर सका है। विश्वविद्यालय वरीयता की बात कहकर उस शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाना चाहता है जिसने यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है।

दरअसल कुछ छात्राओं के इंटर की परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं आने को लेकर फरवरी में हुए विवाद में मुंगेर के डीईओ ने तत्कालीन प्राचार्य डा. एमए नियाजी पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसकी शिक्षक नेता डा. डीएन राय ने विरोध भी किया था। लेकिन इस घटना के बाद डा. नियाजी ने पद छोड़ दिया था। उन्होंने अगले प्राचार्य के लिए विश्वविद्यालय को वरीयता के आधार पर कॉलेज के डा. हरेन्द्र नारायण सिंह का नाम उपलब्ध कराया था। लेकिन विश्वविद्यालय का कहना था कि डा. अनिता प्रसाद डा. हरेन्द्र नारायण सिंह से वरीय हैं, इसलिए प्रभार उन्हें मिलना चाहिए। इस बीच डा. अनिता प्रसाद ने विश्वविद्यालय को बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से वह यह पद नहीं लेना चाहती हैं। इसके बावजूद मामला सुलझ नहीं सकता है।

इस बारे में पूछने पर कुलसचिव डा. आशुतोष प्रसाद ने बताया कि महिला शिक्षक ने इनकार किया है लेकिन वरीयता की वजह से उन्हें पद मिलना चाहिए। पूर्व में एक कॉलेज में ऐसे ही मामले में विवाद हो गया था, इसलिए विश्वविद्यालय नियमों के तहत कार्रवाई करेगा।

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