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आदिवासी ग्रामीणों की डीएम से गुहार, सीआरपीएफ करती है प्रताड़ित

बरहट प्रखंड के कुमरतरी, गुरमाहा, बीचला टोला, अम्बा टोला, मुसहरी रोड आदि गांव के सैंकड़ों आदिवासी ग्रामीणों ने सोमवार को अपने परंपरागत हथियार से लैश होकर डीएम आवास का घेराव किया। घेराव करने आए लोगों ने...

आदिवासी ग्रामीणों की डीएम से गुहार, सीआरपीएफ करती है प्रताड़ित
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 28 Nov 2016 11:08 PM
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बरहट प्रखंड के कुमरतरी, गुरमाहा, बीचला टोला, अम्बा टोला, मुसहरी रोड आदि गांव के सैंकड़ों आदिवासी ग्रामीणों ने सोमवार को अपने परंपरागत हथियार से लैश होकर डीएम आवास का घेराव किया। घेराव करने आए लोगों ने सीआरपीएफ के जवानों पर प्रताड़ित करने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया। बाद में जमुई टाउन थानाध्यक्ष व एसडीओ के आश्वासन के बाद आदिवासी ग्रामीण शांत होकर वापस लौटे।

घेराव करने आए ग्रामीण अशोक राणा, जालिम राणा, शिवकुमार कौड़ा, कलुआ देवी, आरती देवी, गांगो कोड़ा, कलवा देवी, शुक्र कोड़ा, पप्पु राणा आदि ने बताया कि जंगली क्षेत्र में सर्च अभियान के नाम पर सीआरपीएफ के जवानों के द्वारा उन लोगों के घर में जबरदस्ती प्रवेश कर समानो को फेंक दिया जाता है। गांगो कोड़ा ने बताया कि गत 24 नबंवर को जब वे अपनी गाय चरा रहे थे इसी बीच सीआरपीएफ के जवानों ने उनके साथ मारपीट किया और नक्सली के बारे में बताने को कहा। जब उन्होंने इसके बारे में अनभिज्ञता जताया तो जवानों ने आक्रोशित होकर उसके घरों की तलाशी ली।

कलवा देवी ने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों ने उनके घर में घुसकर घर में रखे बक्से, खाने पीने की सामग्री को बर्बाद कर दिया। शुक्र कोड़ा ने बताया कि छापेमारी करने के नाम पर सीआरपीएफ के जवानो द्वारा उनलोगों के साथ मारपीट व गालीगलौज का प्रयोग किया जाता है। पप्पु राणा ने बताया कि उनके भतीजे का इलाज जमुई के एक डाक्टर से चलता है। जब उसका दवाई खत्म हो गया और लाने के लिए जा रहे थे तो सीआरपीएफ के जवानों ने उनका पांच सौ रूपया नगदी छीन लिया और दारू व मुर्गा की मांग करने लगे। जब उन्होंने देने से इंकार किया तो उसके साथ जबर्दस्ती जवानों ने मारपीट किया। ग्रामीणों को कहना था कि उनके गांव में विकास कार्य भी नहीं के बराबर हुआ है। साथ ही जंगली क्षेत्र के गांवों का स्कूल प्राय: बंद रहता है। गांव में पानी की भी समस्या बनी रहती है।

इधर डीएम आवास के घेराव की सूचना पर एसडीओ विजय कुमार व थानाध्यक्ष संजीव कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे तथा आदिवासियों को करीब आधा घंटा तक समझाया। बाद में ग्रामीणों को पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आगे से इस प्रकार की घटना नहीं होगी। एसडीओ ने ग्रामीणों से कहा कि उनके गांवों में जो भी विकास कार्य होगा कराया जाएगा। स्कूल के बंद होने की भी जांच कराई जाएगी। उन्होंने गांव के वार्ड सदस्य को मंगलवार को डीएम से मिलने के लिए बुलाया। पदाधिकारियेां के समझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए।

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