कुलपति ने दिए अधिकारियों के बदलाव के संकेत
कुलपति प्रो. नलिनीकांत झा ने व्यवस्था में बदलाव के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि विवि के कार्यों का आवंटन क्षमतावान शिक्षकों के बीच किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारियों का...
कुलपति प्रो. नलिनीकांत झा ने व्यवस्था में बदलाव के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि विवि के कार्यों का आवंटन क्षमतावान शिक्षकों के बीच किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारियों का निर्वहन केवल कुलपति के पास नहीं रहेगा। प्रशासनिक व्यवस्था का केन्द्रीयकरण नहीं होगा। अलग-अलग काम का जिम्मा अलग-अलग पदाधिकारियों के पास होगा और यह जिम्मेदारी वैसे शिक्षकों को दी जाएगी, जो क्षमतावान होंगे।
कुलपति के इस रुख को टीम में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, अभी विश्वविद्यालय के कई पद प्रभार में चल रहे हैं। डीएसडब्ल्यू डा. उपेन्द्र प्रसाद साह के पास सीसीडीसी और प्रॉक्टर की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। उनके पास कई मामलों की जांच भी है। कॉलेज इंस्पेक्टर विज्ञान डा. अशोक ठाकुर के पास लायजन पदाधिकारी, यूजीसी के नोडल पदाधिकारी और नेट की भी जिम्मेदारी है। बजट पदाधिकारी का पद आधिकारिक रूप से खाली है। डा. एएन सहाय के इस्तीफे के बाद पद खाली हुआ है। लेकिन बजट तैयार करने का जिम्मा उन्हें पूर्व कुलपति प्रो. रमा शंकर दूबे ने दिया था। गुरुवार को कुलपति का स्वागत करने पहुंचे डा. सहाय का बार-बार यह कहकर परिचय कराया गया कि वह (डा. सहाय) बजट के विशेषज्ञ हैं। 2017-18 का वार्षिक बजट उन्होंने ही तैयार किया था।
कुलपति ने कार्यकाल शुरू होने के पहले दिन केन्द्रीय पुस्तकालय का जायजा लिया। उन्होंने वहां कई कमियां बताईं जिन्हें सुधारने की जरूरत है। कमियों की वजह पूछने पर पुस्तकालय प्रभारी बसंत कुमार चौधरी ने बताया कि फंड के अभाव में परेशानी हो रही है। इस पर कुलपति ने कहा कि यूजीसी से फंड मांगा जाएगा और पुस्तकालय को बेहतर बनाया जाएगा।
कॉपियां उपलब्ध कराने का प्रयास
कुलपति ने कहा कि अप्रैल में संभावित पार्ट-टू की परीक्षा के लिए कॉपियां उपलब्ध नहीं होने की जानकारी उन्हें मिली है। पटना से भागलपुर आने के दौरान इस पर चर्चा हुई थी। बताया गया है कि केन्द्रीय एजेंसी ने कॉपियां उपलब्ध नहीं कराई है। एजेंसी के बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते हैं लेकिन कॉपियां उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। 10 अप्रैल तक इंतजाम कर परीक्षा शुरू की जा सकती है।