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आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन जमा करने पहुंची महिलाएं बेहोश होकर गिरीं

नया राशन कार्ड बनाने के लिये आवेदन जमा करने के लिये सोमवार को अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित आरटीपीएस काउंटर पर दिनभर धक्का मुक्की और रेलम पेल की स्थिति रही। अफरातफरी के माहौल में आवेदन जमा करने...

आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन जमा करने पहुंची महिलाएं बेहोश होकर गिरीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Feb 2017 01:49 AM
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नया राशन कार्ड बनाने के लिये आवेदन जमा करने के लिये सोमवार को अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित आरटीपीएस काउंटर पर दिनभर धक्का मुक्की और रेलम पेल की स्थिति रही। अफरातफरी के माहौल में आवेदन जमा करने पुरूषों और महिलाओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी। सबसे अधिक भीड़ महिला काउंटर पर रही।

आलम यह रहा कि धक्का मुक्की और रेलमपेल में फंसकर कई महिलाएं गश्त खाकर गिर पड़ीं तो कईयों के बेआबरू होने की भी नौबत खड़ी हो गई।धक्का मुक्की के कारण कम से कम दर्जनभर महिलाएं गश्त खाकर भीड़ में गिर पड़ीं। वैसी महिलाओं की सूधि लेने के बावत प्रशासनिक स्तर पर कोई उपाय नहीं किये गये थे। भीड़ में शामिल महिलाएं अचेत होकर गिरी महिलाओं को जैसे तैसे खींचकर बाहर निकालती रहीं और अपने बोतलों से पानी का छिड़काव कर होश में लाने का प्रयास करती रहीं। मु्च्छिछत होकर गिरनेवाली महिलाओं में एकचारी गांव की कपिला देवी और पिंकी देवी, मोहनपुर गौघट्टा की सुखिया देवी, पक्कीसराय की कंचन देवी आदि शामिल हैं। तो एकचारी गांव की संजो देवी बच्चे को गोद में लिये आवेदन जमा करने के दौरान भीड़ में मासूम के साथ दब गई। किसी तरह जच्चा बच्चा को भीड़ से बाहर निकाला गया। भीड़ की वजह से अनुमंडल कार्यालय परिसर की बागवानी तहस नहस हो गई।भीड़ को काबू करने के लिये सिर्फ दो होमगार्ड के जवानों को लगाया गया था जो नाकाफी साबित होता रहा। वहीं महिला पुलिस का प्रावधान नहीं रहने के कारण महिलाओं की भीड़ को काबू कर पाना संभव नहीं हो पाया। कार्यपालक दंडाधिकारी नरेश कुमार झा द्वारा अतिरिक्त पुलिस और महिला पुलिस की तैनाती के लिये कई बार थाने को फोन किया गया लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया। आलम यह रहा कि घंटो जान जोखिम में डालकर कतार में खड़ी महिलाओं के काउंटर तक पहुंचते आवेदन पसीने से भींगकर गल जाते थे या फिर फट जाते थे जिसे काउंटर पर तैनात कर्मी लेने से इन्कार कर देते थे। ऐसे में वेसी महिलाओं को निराश होकर लौटना पड़ा।आवेदन ऑनलाइन जमा करने के लिये महज दो काउंटर बनाये गये थे जहां सिर्फ दो कंप्यूटरों से ऑनलाइन आवेदन जमा किये जा रहे थे। दो में से एक महिला तथा एक पुरूष के लिये था। ऐसे में काम का निष्पादन सुचारू तरीके से नहंी हो पाता था। औसतन दोनों काउंटरों को मिलाकर महज 250 आवेदन ही जमा लिये जा सके। जबकि दोनों काउंटरों पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी थी। कई महिलाएं बच्चों को जमीन पर लेटाकर कतार में लग जाती थीं तो कुछ के पति या परिजन बच्चों को संभालते थे तथा महिला कतार में खड़ी होती थीं। इस संदर्भ में अधिकारियों का बयान लेने का प्रयास किया गया तो अधिकारी मुकरते रहे।

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