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कोर्ट ने मध्यस्थता विवाद के मामले को किया खारिज

The Court dismissed the arbitration disputeलखीसराय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन किशोर कौशिक ने मध्यस्थता के मामले में डीएम के द्वारा मध्यस्थ के रूप में पारित आदेश को मनीषराज राइस मिल संचालक के...

कोर्ट ने मध्यस्थता विवाद के मामले को किया खारिज
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 11 Jan 2017 10:48 PM
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The Court dismissed the arbitration dispute

लखीसराय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन किशोर कौशिक ने मध्यस्थता के मामले में डीएम के द्वारा मध्यस्थ के रूप में पारित आदेश को मनीषराज राइस मिल संचालक के द्वारा चुनौती देने के मामले की सुनवाई करते हुए इस पंचाट (अवार्ड) को निरस्त करते हुए मध्स्थ के रूप में अधिकृत डीएम के पास वापस भेजकर चार महीने के अंदर विधि अनुसार दुबारा पंचाट आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पंचाट में पारित आदेश पर टिप्पणी करते हुए संप्रेषित किया है,कि पंचाट का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि मध्यस्थ के द्वारा स्वयं को न्यायालय समाहर्ता एवं जिला दंडाधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते हुए आदेश निर्गत किया गया है, न कि एक मध्यस्थ के रूप में। मध्यस्थता के इस केस में मध्यस्थ को मध्यस्थता से संबंधित कानून की कम से कम प्राथमिक जानकारी अवश्य होनी चाहिए, जो प्रश्नगत पंचाट में परिलक्षित नहीं हुआ। विदित हो कि मनीषराज राइस मिल के संचालक एवं एसएफसी के जिला प्रबंधक के बीच चावल की राशि लेने के बाद खराब चावल की आपूर्ति करने को लेकर 32 लाख 60 हजार 744 रुपए 86 पैसे का मामला उत्पन्न हुआ था। इस मामले में डीएम ने मध्यस्थ के रूप में 15 जून 2016 को पैसा जमा करने का फैसला सुनाया था।

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