मानव श्रृंखला में 13 लाख से अधिक लोगों की हुई भागीदारी
शराबबंदी के समर्थन में पूर्णिया की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। बूढ़े, बच्चे, जवान और छात्र-छात्राओं ने हाथ में हाथ डालकर जिले में 362 किमी मानव श्रृंखला बनायी और यह अहसास कराया कि वे शराबबंदी के फैसले...
शराबबंदी के समर्थन में पूर्णिया की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। बूढ़े, बच्चे, जवान और छात्र-छात्राओं ने हाथ में हाथ डालकर जिले में 362 किमी मानव श्रृंखला बनायी और यह अहसास कराया कि वे शराबबंदी के फैसले के साथ हैं। इसमें पूरे जिले में 13 लाख से अधिक लोगों ने भागीदारी निभायी जिसमें 8 लाख 72 हजार लोगों ने हस्ताक्षर देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है।
जिले के बायसी से सटे पश्चिम बंगाल की सीमा से लेकर मधेपुरा, कटिहार और अररिया की सीमा तक लोग कतारबद्ध होकर शराब के खिलाफ कहीं नारा लगाते दिखे तो कहीं हाथों में तख्तियां लटकाए मूक भाव से यह पैगाम देते नजर आए कि ‘शराब है खराब, पीओगे तो जिन्दगी होगी बर्बाद।
मद्य निषेद्य अभियान के तहत शनिवार को बनायी गई मानव श्रृंखला के तहत पूर्वोत्तर भारत का गेटवे माना जाने वाला गुलाबबाग का जीरोमाइल चौक फोकस में रहा। मानव श्रृंखला का समय सवा बारह बजे से था पर जीरोमाइल चौक पर लोग दस बजे ही पहुंच गये थे। देखते-देखते यहां से दालकोला चेकपोस्ट तक करीब 30 किमी. तक लोग सड़क किनारे लोगों की लंबी कतार लग गई थी। अहम बात है कि बायसी और डगरुआ मुस्लिम बहुल इलाका है और यहां शिक्षा का दर कम होने के बावजूद पर्दानसीं महिलाएं शराबबंदी के फैसले के समर्थन में सड़क पर कतारबद्ध खड़ी हो गईं थी। बायसी अनुमंडल मुख्यालय में एनएच 31 पर प्रशासन ने फोर लेन का टू लेन फ्री छोड़ रखा था जिसपर वाहनों का परिचालन चालू था पर अन्य दिनों की अपेक्षा बड़े वाहनों की आवाजाही काफी कम थी। इस बीच पूर्णिया के डीएम पंकज कुमार पाल और एसपी निशांत कुमार तिवारी खुद घूम-घूम कर मानव श्रृंखला का जायजा ले रहे थे। इधर, जीरो माइल चौक पर कुछ मिनटों के लिए उस समय भगदड़ मच गई जब आसमान में चक्कर काटकर हेलीकॉप्टर वापस हो गया। हेलीकॉप्टर के वापस होते ही लोग लाईन तोड़ कर बाहर निकल आए और गोलम्बर पर सजाए गये गुब्बारे लेकर बच्चे भागने लगे। मौके पर मौजूद एसडीओ रविन्द्र नाथ प्रसाद सिंह एवं अन्य पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित किया और फिर लोग वापस लाइन में आ गये। जीरोमाइल चौक के एक तरफ कसबा और जलालगढ़ होते हुए अररिया सीमा तक, दूसरी तरफ कटिहार की सीमा दीवानगंज तक, गुलाबबाग, वनभाग होते हुए मधेपुरा की सीमा जानकीनगर तक लोग कतारबद्ध रहे।