नहीं रहे मूर्ति कला के जादूगर फूलो पंडित
Pandit sculpture flowers are not magiciansमिट्टी कला के जादूगर फूलो पंडित की अब स्मृति ही शेष रह गई है। 108 साल की उम्र में फुलो पंडित ने गूरूवार की सूबह अपने पैत्रिक गांव निस्ता में अंतिम संास ली।...
Pandit sculpture flowers are not magicians
मिट्टी कला के जादूगर फूलो पंडित की अब स्मृति ही शेष रह गई है। 108 साल की उम्र में फुलो पंडित ने गूरूवार की सूबह अपने पैत्रिक गांव निस्ता में अंतिम संास ली। फूलो पंडित ने मुर्ति कला के क्षेत्र में काफी प्रसिद्वि पाई थी। जिले नही बल्कि जिले के बाहर भी उन्होंने अपनी कला से सबको अपनी मुरीद बनाया था। उनके हाथ में ऐसी कला थी कि मुर्ति गढते ही वो जीवंत हो उठती थी। मिट्टी की बनी हो या कंक्रीट की मुर्ति कला में उन्होंने एक कीर्तिमान स्थापित किया। उनके निधन पर कला क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति हुई है। फुलो पंडित की कलाकृति उनके नाम से बिकती थी। उनके द्वारा निर्मित मुर्ति कला की चर्चा जिले व राज्य नही बल्कि राज्य के बाहर भी होती रही थी। उनक निधन पर बिीार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति ने संवेदना प्रकट की है। समिति के अध्यक्ष जगदीश पंडित, सचिव शैलेन्द्र कुमार, अमरजीत प्रजापति सहित समाज से जूडे अन्य लोगों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है। वहीं उनके कलाकार पूत्रों को साधू पंडित, नवल पंडित, राजेश पंडित, चंद्रदेव पंडित, किशोर पंडित एवं मुरारी पंडित समाज के अन्य लोगों ने ढाढस बंधाया।