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सीआरपीएफ जवान की हत्या में पांच नक्सलियों को फांसी की सजा

लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान गंगटा जंगल में नक्सली हमले में शहीद हुए दो सीआरपीएफ जवान के मामले में पांच अभियुक्तों को एडीजे प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। नक्सलियों को...

सीआरपीएफ जवान की हत्या में पांच नक्सलियों को फांसी की सजा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 25 May 2017 12:48 PM
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लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान गंगटा जंगल में नक्सली हमले में शहीद हुए दो सीआरपीएफ जवान के मामले में पांच अभियुक्तों को एडीजे प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। नक्सलियों को सजा सुनाने को लेकर कोर्ट की सुरक्षा चाक-चौंबद थी। मुंगेर कोर्ट ने पहली बार किसी नक्सली को सजा सुनाई।

10 अप्रैल 2014 को गंगटा में हुई थी घटना

लोकसभा चुनाव 2014 के पहले चरण में 10 अप्रैल की अहले सुबह गंगटा-लक्ष्मीपुर मार्ग पर सवा लाख स्थान से लगभग दो किलोमीटर आगे सीआरपीएफ के जवान चुनाव कराने वाहन से जा रहे थे। घात लगाये नक्सलियों ने पहले विस्फोटक का प्रयोग किया। इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान हवलदार सोने गोड़ा एवं रवीन्द्र राय गंभीर रूप से घायल गये। इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। इस घटना 10 जवान घायल भी हुए थे।

पांच अभियुक्त बनाए गये

खड़गपुर थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में नक्सली संगठन से जुड़े पांच अभियुक्तों खड़गपुर थानाक्षेत्र के विपिन मंडल, अधिकलाल पंडित, लक्ष्मीपुर थाना के रत्तू कोड़ा एवं लखीसराय जिले के कजरा थानाक्षेत्र के बानो कोड़ा एवं मन्नू कोड़ा को अभियुक्त बनाया गया। कांड के अनुसंधानकर्ता खड़गपुर के तत्कालीन डीएसपी रंजन कुमार थे। पांचों अभियुक्तों को 29 अक्टूबर 2014 को संगठन की बैठक के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मुकदमें में 17 गवाहों ने गवाही दी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपरलोक अभियोजक सुशील कुमार सिन्हा व संदीप भट्टाचार्य एवं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता बीरेन्द्र शर्मा ने बहस किया।

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