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कोर्ट के आदेश से कोषागार को किया गया सील

अररिया के ठेकेदार हरदेव सिंह को राशि भुगतान का मामलाठेकेदार को एक करोड़ छह लाख रूपए भुगतान का था आदेश16 जनवरी 2017 तक भुगतान करने की थी अंतिम तिथिसुपौल। हिन्दुस्तान प्रतिनिधिआदेश के बाद भी ठेकेदार को...

कोर्ट के आदेश से कोषागार को किया गया सील
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 16 Feb 2017 08:24 PM
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अररिया के ठेकेदार हरदेव सिंह को राशि भुगतान का मामला

ठेकेदार को एक करोड़ छह लाख रूपए भुगतान का था आदेश

16 जनवरी 2017 तक भुगतान करने की थी अंतिम तिथि

सुपौल। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

आदेश के बाद भी ठेकेदार को राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर नाराज जिला कोर्ट ने गुरुवार को सुपौल के जिला कोषागार को सील करने आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को जिला कोषागार के चल सम्पत्तियों को सील (अटैच) किया गया। कोषागार के मुख्यद्वार पर सील करने का नोटिस चिपकाया गया है। जब्त अवधि में कोषागार से वेतनमद को छोड़ अन्य कोई भी भुगतान नहीं किया जायेगा। कोर्ट ने यह आदेश अररिया के बथनाहा निवासी ठेकेदार हरदेव सिंह के पक्ष पर दिया।

कोर्ट ने आदेश दिया था कि ठेकेदार हरदेव सिंह को ब्याज सहित एक करोड़ छह लाख 56 हजार 213 रूपए की राशि जिला कोषागार से भुगतान की जाए। अवर न्यायाधीश प्रथम दिलीप कुमार सिंह के कोर्ट से वाद संख्या दीवानी जारी (एक्सक्यूशन) 01/2007 में रिकवरी ऑफ मनी (अटैचमेंट) वारंट के आलोक में यह कार्रवाई की गयी। न्यायालय में हरदेव सिंह बनाम बिहार सरकार वाद संख्या 14/90 में कोर्ट द्वारा हरदेव सिंह के पक्ष में दिये गये फैसले के आलोक में मनी वाद संख्या 1/2007 दायर किया गया था।

क्या था मामला

1990 में हरदेव सिंह ने कुनौली के समीप जल संसाधन विभाग का 16 लाख रूपए का ठेका कार्य किया था। कार्य पूरा हो जाने के बाद भी हरदेव को राशि का भुगतान सरकार ने नहीं किया। खुद बिहार सरकार ही कार्य असंतोषजनक होने की शिकायत लेकर कोर्ट गयी लेकिन कोर्ट ने इसे नकार दिया। 19 अप्रैल 1991 को कोर्ट ने हरदेव के पक्ष में निर्णय देते हुए 36 लाख 56 हजार की राशि भुगतान करने का आदेश सरकार को दियाा। इसके बाद भी भुगतान नहीं होने पर हरदेव गुहार लेकर कोर्ट गए। 20 जून 2006 को हरदेव के पक्ष में डिग्री आयी कि छह प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान किया जाए। साथ की स्पष्ट किया कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसे 19 अप्रैल 1991 से देय तिथि तक नौ प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। पुन : 2014 को भुगतान नहीं होने पर कोर्ट ने सरकार से सोकॉज किया। 11 माह पहले नाराज कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर 16 फरवरी 2017 तक ठेकेदार हरदेव को निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो जिला कोषागार को सील कर दिया। इसी के मद्देनजर जज ने यह आदेश जारी किया। कोषागार सील करने के दौरान परिसर में लोगों की भारी भीड़ लगी रही।

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