न दवा न डॉक्टर, विभागीय उपेक्षा से पुलिस अस्पताल में लटका ताला
विभागीय उपेक्षा के कारण पुलिस केन्द्र स्थित पुलिस अस्पताल में ताला लटक गया है। अस्पताल के सभी पद रिक्त हैं और दो साल से दवाओें की आपर्ति भी बंद हो गई है। पुलिसकर्मियों की मांग पर एसएसपी ने अस्पताल की...
विभागीय उपेक्षा के कारण पुलिस केन्द्र स्थित पुलिस अस्पताल में ताला लटक गया है। अस्पताल के सभी पद रिक्त हैं और दो साल से दवाओें की आपर्ति भी बंद हो गई है। पुलिसकर्मियों की मांग पर एसएसपी ने अस्पताल की दशा सुधारने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा था लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 1918 में भागलपुर पुलिस केन्द्र में अस्पताल की स्थापना की गई थी। 12 शैय्या वाले अस्पताल में दो दशक पहले तक सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं। अस्पताल में पुलिसकर्मियों और उसके परिवार को इंडोर सुविधाएं व आउटडोर सुविधाएं मिलती थी लेकिन बाद में साधन की कमी के कारण अस्पताल में इंडोर सुविधाएं बंद कर दी गईं और आउटडोर चलने लगा।
2008 के बाद से अस्पताल की हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी। अस्पताल में प्रतिनियुक्त डॉक्टर ने पटना स्थानांतरण करा लिया। उसके बाद से किसी दूसरे डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं हुई। सदर अस्पताल के डॉक्टर की अस्पताल में प्रतिनियुक्ति की गई। इसी दौरान अस्पताल के कंपाउंडर और ड्रेसर रिटायर हो गए। सदर अस्पताल से ड्रेसर धनंजय शर्मा की प्रतिनियुक्ति की गई लेकिन 2014 में वे भी रिटायर कर गए। कागज पर सदर अस्पताल के दो डॉक्टर की सप्ताह में दो दिनों के लिए ड्यूटी लगाई है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं आते हैं।
अस्पताल बना पुलिसकर्मियों का बैरक
पुलिस अस्पताल अब बैरक बन गया है। अस्पताल के हॉल और बराम्दे पर पुलिसकर्मी रह रहे हैं। ड्रेसिंग रूम में अस्पताल का सामान रख दिया गया है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि अस्पताल बंद हो जाने के कारण इसमें पुलिसकर्मी रहने लगे हैं। अस्पताल चालू कराने के लिए एसएसपी को कई बार जानकारी दी गई। पहले पुलिसकर्मियों के बीमार पड़ने पर अस्पताल से जेनरिक दवाएं मिल जाती थी लेकिन अब बीमार पड़ने पर सदर या मायागंज अस्पताल जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।
भोला सिंह, मंत्री, पुलिस मेंस एसोसिएशन, भागलपुर ने बताया कि अस्पताल में आउटडोर सेवा शुरू कराने के लिए एसएसपी से कई बार मांग की गई। अस्पताल बंद हो जाने से पुलिसकर्मियों को परेशानी हो रही है। 10 दिसंबर को पुलिससभा में फिर से इसके लिए मांग रखी जाएगी।