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Hindi Newsमनीष यादव हत्याकांड : सभी 12 अभियुक्त रिहा, कमजोर साक्ष्य और विरोधाभाषी बयान का मिला लाभ

मनीष यादव हत्याकांड : सभी 12 अभियुक्त रिहा, कमजोर साक्ष्य और विरोधाभाषी बयान का मिला लाभ

शहर के चर्चित मनीष यादव उर्फ संतल यादव हत्याकांड में कमजोर साक्ष्य और गवाहों के विरोधाभाषी बयान के कारण सभी 12 आरोपी मंगलवार को रिहा हो गए। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जयप्रकाश ने उनकी...

मनीष यादव हत्याकांड : सभी 12 अभियुक्त रिहा, कमजोर साक्ष्य और विरोधाभाषी बयान का मिला लाभ
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 25 Apr 2017 09:00 PM
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शहर के चर्चित मनीष यादव उर्फ संतल यादव हत्याकांड में कमजोर साक्ष्य और गवाहों के विरोधाभाषी बयान के कारण सभी 12 आरोपी मंगलवार को रिहा हो गए। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जयप्रकाश ने उनकी रिहाई का फैसला सुनाया।

केस के अनुसार, मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मणबाग के मनीष यादव उर्फ संतल यादव, सुरेन्द्र यादव और सुनील यादव 14 जून 2012 की शाम एक बाइक से भागलपुर से नाथनगर की ओर जा रहे थे। टीएनबी कॉलेज मोड़ पर अरुण पान दुकान के पास घात लगाए अपराधियों ने उन पर गोली चला दी। सुनील यादव को कंधे के पास गोली लगने के बाद तीनों लोग भागने लगे, लेकिन अपराधियों ने संतल यादव को खदेड़कर पकड़ा और गली में गोली मारकर हत्या कर दी।

संतल यादव बालू घाट का मुंशी था और पड़ोस के ही विजय यादव के साथ अदावत चल रही थी। बाइक सवार सुरेन्द्र यादव के बयान पर विजय यादव, गुलो यादव, राजीव यादव, मंगल यादव, कुंदन यादव, निरंजन यादव, धनंजय यादव और तीन अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

बाद में पुलिस जांच में छत्री यादव, विलास यादव, संजीव यादव, बसर खान और सुंदर यादव को भी अभियुक्त बनाया गया था। यानी कुल 12 आरोपी नामजद किए गए। कुछ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो कुछ ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

पान वाले को नहीं बनाया था गवाह

इस मामले में सात लोगों सुरेन्द्र यादव, सुनील यादव, संतल की पत्नी सुलोचना देवी, सीता देवी, शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डाक्टर योगेश प्रसाद, जांचकर्ता दारोगा शमशेर अली खान और परशुराम सिंह की गवाही हुई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शी गवाह सुनील और सुरेन्द्र के बयान में विराधाभाष है।

अरुण पान वाले को भी गवाह में शामिल नहीं किया गया। इसलिए सभी आरोपियों को आरोपों से मुक्त किया जाता है। इस मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक मुक्ति प्रसाद सिंह और बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता अनिल कुमार झा, गोपाल कुमार मिश्र व शेखर कुमार सिंह ने बहस में भाग लिया।

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