फोटो गैलरी

Hindi Newsनिगोही में जमीनी विवाद में चाचा-भतीजे की हत्या

निगोही में जमीनी विवाद में चाचा-भतीजे की हत्या

शाहजहांपुर के निगोही कस्बे में शुक्रवार सुबह चाचा-भतीजे की गोली मार कर हत्या कर दी गर्ई। जमीनी रंजिश में यह वारदात अपनों ने ही अंजाम दी, इसके बाद हत्यारे हाथों में तमंचे लेकर भाग गए। घटना के बाद...

निगोही में जमीनी विवाद में चाचा-भतीजे की हत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Apr 2017 12:52 PM
ऐप पर पढ़ें

शाहजहांपुर के निगोही कस्बे में शुक्रवार सुबह चाचा-भतीजे की गोली मार कर हत्या कर दी गर्ई। जमीनी रंजिश में यह वारदात अपनों ने ही अंजाम दी, इसके बाद हत्यारे हाथों में तमंचे लेकर भाग गए। घटना के बाद हत्यारों के पिता को पब्लिक ने पुलिस के सामने पीटा। पुलिस बहुत मुश्किल से उसे बचा सकी। घटनास्थल पर एसपी केबी सिंह भी पहुंचे। 

कस्बे के मुख्य बाजार में मनीष, उसके भाई दिनेश, बड़े भाई राकेश के भतीजे गौरव का मकान हैं। दस साल पहले राकेश की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी आरती अपने बच्चों गौरव और रूपाली के साथ देवर मनीष के साथ रहने लगी। तब से राकेश की जमीन जायदाद मनीष के पास आ गई। इस बात को लेकर सबसे बड़े दिनेश का विवाद हो गया। दिनेश का कहना था कि राकेश की संपत्ति का मनीष और उसमें बराबर का बंटवारा होना चाहिए। मनीष इसके लिए तैयार नहीं था। करीब दस साल से यह झगड़ा चला आ रहा था।

शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे मनीष मकान के बाहर अपनी कार साफ कर रहा था। तभी पड़ोस के मकान से निकले मनीष के बड़े भाई दिनेश के बेटे संतोष और आशुतोष ने कागज देखने के बहाने से उसे अपने घर बुलाया। मनीष उनके मकान में चला गया। वहां भतीजे संतोष और आशुतोष ने चाचा मनीष के सिर पर बेसबॉल के डंडे से प्रहार किया, जब मनीष ने प्रतिरोध करना चाहा तो संतोष ने उसके सिर में गोली मार दी। मनीष की तुरंत मौत हो गई, लेकिन किए गए फायर की आवाज लोग सुन नहीं पाए। चाचा की हत्या करने के बाद संतोष और आशुतोष ने लाश को कमरे में बंद कर दिया। वहां से वह तमंचे लेकर निकले और पड़ोस में चाचा मनीष के मकान में सो रहे अपने बड़े चाचा राकेश के बेटे गौरव उर्फ गोलू के सिर में गोली मार दी। उसकी वहीं मौत हो गई। हत्या करने के बाद संतोष और आशुतोष हाथों मेंं तमंचे लेकर भाग रहे थे, तब लोगों ने उन्हें देखा और शोर मचाया। लोगों ने पुलिस को खबर दे दी। पुलिस पहुंची, तब तक बहुत भीड़ जमा हो गई। इसी बीच संतोष और आशुतोष के पिता दिनेश आ गए, लोगों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। पुलिस बहुत मुश्किल से दिनेश को बचा कर थाने ले गई। अब तक लोगों को यही पता था कि गौरव की ही हत्या हुई है, लेकिन इस दौरान लोगों ने मनीष को तलाश करना शुरू किया, लेकिन वह मिला नहीं। तभी कुछ लोगों ने संतोष व आशुतोष के मकान का दरवाजा खुलवाना चाहा, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। इसी बीच एसपी सिटी कमलकिशोर व सीओ सदर पहुंचे। उन्होंने गैस कटर मंगवाया और संतोष-आशुतोष के मकान के लोहे के दरवाजे को कटवाया। अंदर जा कर देखा तो वहां मनीष की लाश पड़ी थी। उसके सिर में गोली लगी थी, पास में बेसबॉल का एक डंडा रखा था, जिस पर खून के निशान थे। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें