योगी सख्त तो तलाक की शिकार महिला की तहरीर पर मुकदमा
फोन पर शौहर के तलाक देने के मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ के पास जाने वाली सबरीन की तहरीर पर आखिर मुकदमा दर्ज हो ही गया। सीतापुर सदर कोतवाली में पुलिस ने मारपीट, दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर लिया।...
फोन पर शौहर के तलाक देने के मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ के पास जाने वाली सबरीन की तहरीर पर आखिर मुकदमा दर्ज हो ही गया। सीतापुर सदर कोतवाली में पुलिस ने मारपीट, दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने की तारीख एक अप्रैल बताई है। जबकि सबरीन का कहना है कि सीएम योगी के पास जाने के बाद पुलिस ने मुकदमा लिखा है। सबरीन का कहना है कि उसका संघर्ष एक मुकदमे तक सीमित नहीं है। वह यह लड़ाई तलाक से इंसाफ के लिए लड़ रही है।
शहर के करीब महेवागंज की रहने वाली सबरीन को उसके सीतापुर निवासी पति तैफुल ने फोन पर ही तलाक दे दिया था। आरोप है कि तैफुल ने सबरीन से 22 लाख रुपए मांगे थे। सबरीन ने जब यह रकम देने से मना किया तो उसके पति ने फोन पर तलाक दे दिया और अपना फोन उस दिन से बंद कर लिया। सबरीन ने 23 मार्च को अपने साथ हुई इस घटना के विरोध में सीतापुर अपनी ससुराल जाकर शिकायत की तो उसके साथ बदसलूकी हुई। सबरीन का कहना है कि इसके बाद वह सीतापुर सदर कोतवाली में तहरीर लेकर गई तो वहां से उसे चलता कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि तलाक हो गया है तो वह क्या कर सकते हैं? इसके बाद सोमवार को सबरीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी पीड़ा बताई थी। इसके बाद मंगलवार को सबरीन को फोन पर सीतापुर के कोतवाल परशुराम सिंह ने फोन कर बताया कि तुम्हारी रिपोर्ट लिख ली गई है। यहां आकर कॉपी ले जाओ और अपने बयान दर्ज कराओ। कोतवाल का दावा है कि मुकदमा तो एक अप्रैल को ही लिख गया था। सबरीन कोतवाल के इस दावे को खारिज कर रही है। उसका कहना है कि वह 23 मार्च को सीतापुर गई थी। अगर पुलिस को मुकदमा लिखना होता तो उसी दिन दर्ज होता। उसकी गैरनामौजूदगी में एक अप्रैल को मुकदमा कैसे लिख गया। सबरीन का कहना है कि वह मुकदमे के लिए नहीं, इंसाफ के लिए लड़ रही है। उसके लिए पति पर मुकदमे से ज्यादा तलाक को नाजाजय ठहराना ज्यादा जरूरी है। वह इसके लिए अंतिम हद तक संघर्ष जारी रखेगी।