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चेक ट्रंकेशन सिस्टम से बढ़ गई बाउंस चेक की संख्या

सीटीएस चेक आम लोगों के साथ ही बैंकर्स के लिए भी मुसीबत का सबब बनते जा रहे हैं। लोगों को अपने चेक क्लियर कराने में 15-15 दिन तक लग जा रहे हैं। सिस्टम के सही से लागू नहीं होने के कारण भारी संख्या में...

चेक ट्रंकेशन सिस्टम से बढ़ गई बाउंस चेक की संख्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Mar 2017 12:13 PM
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सीटीएस चेक आम लोगों के साथ ही बैंकर्स के लिए भी मुसीबत का सबब बनते जा रहे हैं। लोगों को अपने चेक क्लियर कराने में 15-15 दिन तक लग जा रहे हैं। सिस्टम के सही से लागू नहीं होने के कारण भारी संख्या में चेक बाउंस भी हो रहे हैं। बैंकों में अब चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) लागू है। इसमें क्लियरिंग के लिए चेक को एक बैंक से दूसरे बैंक तक नहीं भेजा जाता है। बस चेक की एक डिजिटल इमेज स्कैन करके भेज दी जाती है। पहले कहा जा रहा था कि इस सिस्टम से चेक जल्दी क्लियर होंगे। मगर ऐसा हो नहीं रहा है।

पहली बात अगर चेक जरा भी मुड़ा होता है तो वह स्कैन नहीं हो पाता है। एक लाख से अधिक की राशि के चेक पास करने के लिए बैंक अधिकारी को फोन पर ग्राहक की सहमति लेनी होती है। फोन अगर नहीं उठता है तो उस चेक को गलत मानते हुए रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। रिजेक्ट होते ही चेक बाउंस हो जा रहा है। इस कारण ब्रांचों में जमकर हंगामे भी हो रहे हैं। पिछले दिनों 18 लाख के एक चेक के मामले में तो एक सीए ने बैंक को नोटिस तक दे दिया।

यूनियन बैंक के संजीव मेहरोत्रा ने बताया कि सरकार ने क्लियरिंग हाउस का भी निजीकरण कर दिया। मैन्युअल सिस्टम में कस्टमर वैल्यू पर भी चेक क्लियर हो जाते थे। मगर अब चेक फंस कर बाउंस हो जा रहे हैं। गाँव-देहात की ब्रांच में स्कैनिंग सिस्टम भी दुरुस्त नहीं है। साफ स्कैनिंग नहीं होने के कारण भी चेक बाउंस हो रहे हैं।

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