तीन तलाक पर दरगाह 20 हजार उलेमा की मुहर
तीन तलाक के मसले पर केंद्र सरकार का विरोध तेज हो गया है। शरीयत में दखल अंदाजी को लेकर अब उलेमा ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। उर्स-ए-रजवी पर देश-विदेश से आए 20 हजार उलेमा ने भी सरकार के विरोध में अपना...
तीन तलाक के मसले पर केंद्र सरकार का विरोध तेज हो गया है। शरीयत में दखल अंदाजी को लेकर अब उलेमा ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। उर्स-ए-रजवी पर देश-विदेश से आए 20 हजार उलेमा ने भी सरकार के विरोध में अपना फैसला सुनाया है।
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दिनों कॉमन सिविल कोड और तीन तलाक का मुद्दा उठाया था। इसको लेकर देशभर के मुस्लिम संगठन और बरेलवी मरकज से जुड़े आलिमों ने विरोध शुरू कर दिया था। इस बार उर्स-ए-रजवी में देश-विदेश से 20 हजार ऐसे आलिम बरेली पहुंचे, जिन्होंने तीन तलाक का जमकर विरोध करते हुए दरगाह की तरफ से जारी मुस्लिम एजेंडे का समर्थन किया। उर्स खत्म होने के बाद उलेमा की राय से संबंधित मामले को अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तक भेजा जा रहा है। दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी बताया कि तीन तलाक पर उलेमा की लंबी बहस हुई थी। इंग्लैंड, मॉरीशस, अफ्रीका और हिन्दुस्तान के तमाम राज्यों से उर्स में आए उलेमा ने तीन तलाक का जमकर विरोध किया था। उलेमा के मशवरे और उनकी मिली राय के बाद एक रिपोर्ट बनाई है। उलेमा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करते हुए सरकार की दखलअंदाजी का विरोध किया है। दरगाह आला हजरत के दारूल इफ्ता मंजरे इस्लाम के मुफ्ती कफील अहमद कादरी ने कहा कि शरीयत कानून में केंद्र सरकार का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध जारी रहेगा और अगर सरकार ने मनमानी की तो ठीक नहीं होगा। जमात रजा-ए-मुस्फता के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां उर्फ सलमान मियां ने कहा कि तमाम उलेमा की राय के बाद यह तय किया है कि केंद्र सरकार का रवैया जो शरीयत के खिलाफ है उसका विरोध किया जाएगा।