प्रधान की हत्या में पूर्वप्रधान व उसके भाई समेत आठ को उम्रकैद
प्रधान की हत्या में आरोपी दो सगे भाइयों समेत आठ लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने आठों दोषियों को उम्रकैद ओ सुनाई है। साथ ही सभी पर 41000-41000 रुपये जुर्माना भी लगाया है। जबकि एक आरोपी...
प्रधान की हत्या में आरोपी दो सगे भाइयों समेत आठ लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने आठों दोषियों को उम्रकैद ओ सुनाई है। साथ ही सभी पर 41000-41000 रुपये जुर्माना भी लगाया है। जबकि एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने जुर्माना जमा न होने पर उसकी दो तिहाई राशि मृतक के परिजनों को देने का भी आदेश दिया है।
मैगलगंज थाना क्षेत्र के कुकुरगोती गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह गांव के प्रधान थे। गांव का रहने वाला अनुसूचित जाति का ओमकार उनका नौकर था। वर्ष 2010 में जब प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया तो महेंद्र सिंह ने ओमकार को चुनाव लड़वाया। ओमकार चुनाव जीत गया। कुछ दिन तो ठीक रहा लेकिन बाद में जब ओमकार प्रधानी अपने हिसाब से चलाने लगा तो महेंद्र सिंह का उससे मनमुटाव हो गया। 28 सितम्बर 2012 को ओमकार देवीबोझी गांव में खड़ंजा लगवा रहा था। ईंट कम हो जाने पर ओमकार अपने साथी गुड्डू यादव और वेदप्रकाश के साथ अरुण वर्मा के भट्ठे पर ईंटा लेने गया। वहां से तीनों बाइक से वापस आ रहे थे। तभी महेंद्र सिंह ने अपने भाई संग्राम सिंह और अन्य साथियों के साथ असलहों से लैस होकर घेर लिया। सभी ने असलहों से फायर करते हुए ओमकार को मौके पर ही मार डाला। हमले में गुड्डू यादव भी गम्भीर रूप से घायल हुआ। ओमकार के भाई रामनरेश ने महेंद्र सिंह, संग्राम सिंह, राममिलन, विनोदकुमार, लालाराम, गुड्डन, काली चरन, विजयपाल और दृगपाल के खिलाफ थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर राममिलन, विनोद कुमार, लालाराम, गुड्डन और विजयपाल की निशानदेही पर उनके पास से नाजायज असलहे बरामद किये। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से एडीजीसी कफील अंसारी ने मामले को साबित करने के लिए चोटहिल गुड्डू यादव, वादी रामनरेश, वेदप्रकाश, अवधेश कुमार, एसआई वीके पांडे, डॉ. वीके वर्मा समेत कुल 13 गवाहों को कोर्ट में पेश किया। हालांकि वादी रामनरेश अदालत में मुकर गया । लेकिन दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने ठोस सुबूतों के आधार पर महेंद्र सिंह, संग्राम सिंह, राममिलन, विनोद कुमार, लालाराम, गुड्डन, कालीचरन और विजयपाल को हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।
अवैध असलहा रखने के भी दोषी प्रधान को घेर कर नाजायज असलहों से मौत के घाट उतारने के आरोपियों में से आरोपी राममिलन, विनोद कुमार, लालाराम, गुड्डन और विजयपाल को कोर्ट ने अवैध असलहे रखने का भी दोषी ठहराया है। अदालत ने अवैध असलहा रखने के सभी आरोपियों को तीन-तीन साल के कारावास व आठ- आठ हजार रुपये जुर्माने की सजा अलग से सुनाई गई है। अदालत ने मृतक के परिजनों को न्याय के साथ साथ आर्थिक सहायता भी दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोषियों से जुर्माना धनराशि जमा होने पर उसका दो तिहाई हिस्सा मृतक के परिजनों को दिया जाय।