आज आखिरी सफर को रवाना होगी 130 साल पुरानी ट्रेन
130 साल पुरानी मीटरगेज लाइन पर शुक्रवार को आखिरी ट्रेन अंतिम सफर पर निकलेगी। यह ट्रेन सीतापुर से मैलानी के लिए चलेगी। इसके बाद ब्राडगेज निर्माण होने तक इस रूट पर ट्रेनें नहीं चलेंगी। इस ट्रेन में...
130 साल पुरानी मीटरगेज लाइन पर शुक्रवार को आखिरी ट्रेन अंतिम सफर पर निकलेगी। यह ट्रेन सीतापुर से मैलानी के लिए चलेगी। इसके बाद ब्राडगेज निर्माण होने तक इस रूट पर ट्रेनें नहीं चलेंगी। इस ट्रेन में अपनी यादें संजोने को तमाम लोग इस अंतिम ट्रेन में सफर करेंगे। कई संगठनों ने तो ट्रेन को विदाई देने की भी तैयारी की है।
15 अप्रैल 1887 को सीतापुर से लखीमपुर के बीच पहली ट्रेन चली थी। इसमें चार सवारी डिब्बे लगे थे। इंजन कोयला-पानी चालित था। इसके बाद 1993 से इस रूट पर डीजल चालित इंजन चलने लगे। 14 अक्तूबर 2016 में अपना आखिरी सफर पूरा करने के बाद इस रूट की सभी ट्रेनें इतिहास की धरोहर बन जाएंगी।
गांधीजी भी हो चुके हैं इस ट्रेन पर सवार
लखनवी अंदाज से बर्फीली हवाओं का एहसास कराने वाली मीटरगेज लाइन अब इतिहास बनने जा रही है। इस रूट पर स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्मा गांधी ने भी सफर किया था। देश के तमाम नेता नैनीताल जाने के लिए इसी रूट से होकर गए हैं। इनमें केंद्र सरकार के मंत्री से लेकर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री भी सफर कर चुके हैं। मीटरगेज की ट्रेन पर महात्मा गांधी ने वर्ष 1925 में सफर किया था। वे लखनऊ चारबाग से लखीमपुर ट्रेन से पहुंचे थे।
मीटरगेज को यादों में सजोने के लिए स्टेशन पहुंचे तमाम लोग
मीटरगेज की ट्रेनों का सफर थमने से एक दिन पहले तमाम लोग स्टेशन पहुंचे। लोगों ने अब तक ब्रॉडगेज के काम को देखा। साथ ही ब्राडगेज काम के बारे में जानकारी करने के लिए खीरी के पूर्व सांसद जफर अली नकवी भी अपने समर्थकों के साथ लखीमपुर स्टेशन पहुंचे। पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने ब्राडगेज के काम को पूरा करने के बारे में रेलवे विभाग के कर्मचारियों से जानकारी ली। साथ ही स्टेशन पर होने वाले निर्माण के बारे में भी जाना और अपने अनुभव भी साझा किए।