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भृगु की भूमि पर धूमधाम से पूजे गये महावीर

जिले भर के हनुमान मंदिरों पर मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर श्रीराम भक्त हनुमान की जयंती धूमधाम से मनायी गयी। जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिरों पर 24 घंटे पहले से ही अखंड हरिनाम संकीर्तन तथा...

भृगु की भूमि पर धूमधाम से पूजे गये महावीर
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 11 Apr 2017 05:31 PM
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जिले भर के हनुमान मंदिरों पर मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर श्रीराम भक्त हनुमान की जयंती धूमधाम से मनायी गयी। जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिरों पर 24 घंटे पहले से ही अखंड हरिनाम संकीर्तन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। जय श्रीराम व जय हनुमान के जयघोष से पूरा वातावरण राममय हो गया।

आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हनुमान मंदिरों में पूजन-अर्चन व हवन आदि कराये। संकीर्तन की पूर्णाहुति पर भंडारे का आयोजन कर आमजन में प्रसाद का वितरण किया गया। नगर के हनुमानगढ़ी मंदिर, जापलिनगंज स्थित हनुमान मंदिर, रामपुर आईटीआई चौराहा स्थित हनुमान मंदिर से लगायत समस्त छोटे-बड़े मंदिरों पर विशेष पूजन-अर्चन हुआ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में चैता आदि का गायन हुआ। विद्वानों का कहना है कि हनुमान के इस वर्ष की जयंती पर दुलर्भ संयोग है, जो करीब 120 वर्षों बाद मिला है। बताया कि इस बार हनुमान जयंती का दिन मंगलवार, पूर्णि&२ँ८;मा तिथि के साथ चित्रा नक्षत्र भी है। आज से करीब 10 हजार वर्ष पहले इसी दिन, इसी नक्षत्र में भक्त हनुमान का वानरराज केशरी के यहां अवतरण हुआ था।

ए लंगूर बाबा हो, भक्त चढ़ावस मोतीचूर

बलिया। हनुमान जयंती के अवसर पर नगर के रामपुर आईटीआई चौराहा स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पर पुजारी पं. गणेश पांडेय के सान्निध्य में गांव व नगर के लोगों के सहयोग से 24 घंटे का अखंड हरिनाम संकीर्तन हुआ। देर शाम आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भक्तों ने गीत, संगीत, भजन व सोहर से महफिल सजा दी। भक्तों ने 'हमरा केवल बा भरोसा बजरंग बली, माता अंजनी के पुत्र पिताजी हवन मारूत...', । 'ए लंगूर बाबा हो भक्त चढ़ाव मोतीचूर...' आदि भक्तिपूर्ण भजन से उपस्थित समुदाय को भक्त हनुमान के भक्ति में विभोर कर दिया। इसके बाद चैता-चइती गायन का दर्शकों ने खूब आनन्द उठाया।

भगवान शिव के अंश हैं श्री हनुमान

बलिया। रामपुर आईटी हनुमान मंदिर पर आयोजित हनुमत जयंती समारोह में दोपहर बाद मंगलवार को हनुमत अवतरण की कथा व श्रीराम के रावण वध तथा लंका विजय में योगदान को प्रवचनकर्ताओं ने कथा के माध्यम से प्रस्तुत कर श्रोताओं हनुमान की भक्ति से रूबरू कराया।

पं. गणेशजी पांडेय ने हनुमानजी के अवतरण की कथा के क्रम में हनुमान चालीसा की चौपाई 'शंकर सुवन केशरीनन्दन...' अर्थात् स्वयं शंकर ही हनुमान के रूप में मां अंजनी के यहां अवतरित हुए। कारण यह था कि भगवान शंकर को परमपिता विष्णु के प्रति भक्ति भाव दर्शाना था। बताया कि हनुमानजी कोई और नहीं भगवान शंकर के ही अंश हैं। उन्होंने बानरराज केशरी, अंजनी माता की कथा को भी विस्तार से बताया।

राम को पाना है तो हनुमान की भक्ति करो : किंकर

सुखपुरा। हिन्दुस्तान संवाद

जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी मारूति किंकर महाराज ने बताया कि सत्य ही ईश्वर है। जगत मिथ्या और माया का जाल है। ऐसे में मानव को यदि जीते जी परमात्मा का साक्षात्कार करना है तो उसे सत्य का अनुसरण करना होगा।

संत यतीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित हनुमत जयंती समारोह के चौथे दिन सोमवार की रात मारूति किंकर महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि यह सत्य का ही परिणाम था कि प्रभु श्रीराम को हनुमान जैसा भक्त और भक्त हनुमान को प्रभु के रूप में श्रीराम मिले। श्रीराम को पाने के लिए भक्त हनुमान की भक्ति परम आवश्यक है। हनुमान ने प्रभु श्रीराम की सेवा की, जिसके ऋण तले परमपिता भी अपने आप को उरिण नहीं होना बताये हैं। आवश्यकता है हनुमान के चरित्र का अनुसरण करने की। कथा के मुख्य आयोजक गणेश प्रसाद, रामाशंकर यादव , सर्वदेव सिंह व्यासपीठ के साथ रामचरितमानस का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। आचार्य डॉ रामानंद पांडे ने व्यासपीठ को रामचरितमानस का पूजन कराया। संचालन रमाशंकर ने किया।

...और हनुमान ने उजाड़ी अशोक वाटिका

सुखपुरा। मारूति किंकर महाराज ने सोमवार को कथा प्रवचन में हनुमान का लंका प्रवेश, अशोक वाटिका उजाड़ने आदि की रोचक कथाएं सुनाकर श्रोताओं को विभोर कर दिया। इसके अलावा श्रीराम भक्त हनुमान की अटपटी बातें सुन तिलमिलाये रावण की प्रतिक्रिया को भी बड़े ही रोचक तरीके से सुनाया। बताया कि किस प्रकार रावण हनुमानजी को जान से मारने को कहता है। इसी बीच विभिषण पहुंचते हैं और रावण से कहते हैं 'नीति विरूद्ध न मारिये दूता...।' इसके बाद हनुमान द्वारा लंका जलाने का प्रसंग उन्होंने सुनाया।

हनुमान जयंती पर विधिवत पूजन-अर्चन

सुखपुरा। हनुमान जयंती के दिन मंगलवार की सुबह संत यतीनाथ मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोचार के बीच पूजन अर्चन किया गया। आचार्य रामानंद पांडे ने विधि-विधान से पूजा सम्पन्न करायी। इस दौरान झंडा बदला गया और हनुमान जी का श्रृंगार भी किया गया। इसके बाद हवन हुआ। ध्रुव कुमार सिंह, ज्योति सिंह, विनय पांडे, रमाशंकर यादव, श्रीराम सरकार, विनय कुमार सिंह ने रुद्राभिषेक भी किया। इसमें वंदना सिंह, विमला गुप्ता, स्वीटी गुप्ता, ज्योति सिंह, मिथिलेश सिंह ने भाग लिया। सभी धार्मिक अनुष्ठान वाराणसी के आचार्य डॉ. रामानंद पांडे ने कराया।

भारतीय पक्षी भी नारी रक्षा को गंवा देते हैं प्राण

शहर के आवास विकास कालोनी में चल रहे लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह हनुमत प्राण प्रतिष्ठा में मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हनुमान जयंती होने के चलते लोगों का उत्साह चरम पर था। जीयर स्वामी महाराज के सानिध्य में हो रहे धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अपने प्रवचन में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश महाराज ने जटायु का प्रसंग सुनाते हुए नारी सुरक्षा की बात की। कहा कि भारतीय पक्षी भी नारी की लाज बचाने के लिए अपने प्राण तक गंवा देता है। कहा कि जिस देश में स्त्रियों का अपमान हुआ, उसका विनाश हो गया। चाहें वह रावण हो या कंस।

कथा को गति देते हुए महाराज ने हनुमान चरित्र का विस्तार से वर्णन सुनाया। उन्होंने श्रद्धालुओं को हनुमान के चरित्र को अपनाने की नसीहत दी। गिरधर स्वामी महाराज ने कहा कि समाज एक ही तरह के लोगों से नहीं बना होता। इसमें सबको अधिकार मिलना चाहिए। सभी को अपनी भक्ति करने अवसर प्राप्त होना चाहिए।

भंडारे की सफलता को बैठक

बलिया। पौहारी बाबा शिव मंदिर समिति हरपुर आवास-विकास कॉलोनी के कार्यकर्ताओं की बैठक मंगलवार के हुई। इसमें 12 अप्रैल को यज्ञ की पूर्णाहुति पर आयोजित भंडारे की सफलता पर चर्चा की गयी। इस मौके पर सुनील तिवारी, उमेश मिश्र, ब्रजेश मिश्र, पिंटू सिंह, अशोक सिंह, राजीव पांडेय, रिंकू दूबे, प्रमोद श्रीवास्तव, संजय कुमार, रितेश सिंह आदि थे।

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