बागेश्वर में गांव से लेकर शहर तक तेंदुए का आतंक
शहर से लेकर गांव तक तेंदुए का आतंक छाया हुआ है। वह मवेशियों को मार रहा है। लोग दहशत में हैं। वन विभाग की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिससे लोगों में रोष है। उन्होंने वन विभाग से पिंजरा...
शहर से लेकर गांव तक तेंदुए का आतंक छाया हुआ है। वह मवेशियों को मार रहा है। लोग दहशत में हैं। वन विभाग की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिससे लोगों में रोष है। उन्होंने वन विभाग से पिंजरा लगाकर तेंदुए कैद करने की गुहार लगाई है।बीती रात मजियाखेत गांव में तेंदुआ धमक गया।
वह घंटों वहां जमा रहा। लोग घरों से तेंदुए को आंगन पर टहलते देख रहे थे। पटाखे टूटे और कनस्तरों की आवाज सुनकर भी तेंदुआ वहां से नहीं भागा। गांव के नरेंद्र कोरंगा के कुत्ते को घायल करने के बाद वह भागा। वहीं ठाकुरद्वारा में भी तेंदुआ देखा गया। वह पौंधालय सभागर के समीप घंटों बैठा रहा। बिलौना गांव में तेंदुआ दहाड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं। गरुड़ के थाकला गांव में घास के लिए जंगल गई दीपा देवी, धनुली देवी, रेवती देवी, दीपा तिवारी, खष्टी तिवारी पर तेंदुए ने झपटने की कोशिश की। वह बालबाल बच गईं।
माल्दे गांव में नंदन सिंह के बैल को निवाला बनाया। लौबांज गांव में दिनदहाड़े तेंदुए ने छह बकरियां मार डाली। इधर अमसरकोट, छानापानी, शीशाखानी, लेटी, जौलकांडे, पालड़ी आदि गांवों में तेंदुए का जर्बदस्त आतंक छाया हुआ है। गांव गरीब महिला उत्थान मंच के संस्थापक विशन सिंह टंगड़िया ने कहा कि वन विभाग सिर्फ मुआवजे की बात करता है। उन्होंने कहा कि लोग भयभीत हैं। लेकिन पिंजरा कहीं भी नहीं लग सका है। तेंदुआ यदि मानवहानि करता है तो इसका जिम्मेदार विभाग रहेंगे।
डीएफओ बोले
तेंदुआ इसबीच स्थान परिर्वतन करता है। वह सुबह और शाम रिहायशी इलाके में देखा जा सकता है। मवेशियों का विभाग मुआवजा दे रहा है। लोगों को उससे सावधान रहना होगा।
एमबी सिंह, डीएफओ, बागेश्वर।