हादसे ने तारा दत्त जोशी को बना दिया लेखक
जीवन में अच्छे दिन से ही इंसान नहीं सीखता। घटनाएं भी उसके जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। बस ऐसा ही कुछ बंड गांव के साक्षर तारा दत्त जोशी के जीवन में गुजरा। साक्षर होने के बावजूद उन्होंने अब तक सात...
जीवन में अच्छे दिन से ही इंसान नहीं सीखता। घटनाएं भी उसके जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। बस ऐसा ही कुछ बंड गांव के साक्षर तारा दत्त जोशी के जीवन में गुजरा। साक्षर होने के बावजूद उन्होंने अब तक सात किताबें लिख डाली हैं। हाईस्कूल तक की पढ़ाई भी जोशी नहीं कर पाए। एक सड़क हादसे ने उन्हें लेखक जरूर बना डाला है।गरुड़ तहसील का बंड गांव। सड़क से करीब दो किमी दूर।
गरीब परिवार में जन्मे तारा दत्त जोशी हाईस्कूल की पढ़ाई नहीं कर पाए। खेती-बाड़ी और मेहनत मजदूरी से जीवन की गाड़ी चला रहे हैं। छह जून 2003 में उनके जीवन के साथ बड़ी घटना हुई। गांव की एक बारात में वे भी शामिल थे। टैक्सी कौसानी के बिजोरिया के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गाड़ी में गांव के चार लोग मारे गए जबकि पांचवें वे खुद थे और वे बच गए। उनका पांव जख्मी हुआ। इस हादसे ने उन्हें लेखक बना दिया। उन्होंने हिंदी भाषा में कविता संग्रह तारा गुरु की कविताएं और मानवता का धर्म किताबें लिख डाली। वे प्रकाशित भी हो गईं हैं। जबकि अभी पांच किताबें हस्तलिखित हैं। जिन्हें छपवाने के लिए उनके पास धेला तक नहीं है। उन्हें नई सरकार की मदद की दरकार है।
लेखन में हुए सम्मानित
51 साल के तारा गुरु के लेखन को आल इंडिया किसान क्रांति ने सराहा। उन्होंने पराविद्या संस्थान द्वारा संचालित हिंदी विकास सेवा संस्थान से अर्श समानोपाधि काव्यश्री, मनाद उपाधि, काव्य सम्राट, उत्तराखंड रत्न सम्मान भी मिला है।
विधायक ने किया प्रोत्साहित
लेखक तारा गुरु ने कहा कि वे विकलांग पेंशन के लिए विधायक के पास गए। पेंशन तो नहीं मिल पाई लेकिन विधायक चंदन राम दास ने उन्हें लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। आकाशवाणी अल्मोड़ा में वे 2011 में छह कार्यक्रम दे चुके हैं। लेकिन अब आकाशवाणी भी उन्हें नहीं बुलाती है।
बोले विधायक
तारा गुरु की रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए सरकार से धन दिलाने की भरपूर कोशिश की जाएगी। वे भी उनके जीवन से प्रभावित हैं।
चंदन राम दास, विधायक, बागेश्वर।