फोटो गैलरी

Hindi Newsबागेश्वर में सरयू और गोमती नदी सूखने लगी

बागेश्वर में सरयू और गोमती नदी सूखने लगी

औसतन बारिश कम होने से सरयू और गोमती नदी सूखने लगी है। प्राकृतिक स्रोतों पर भी संकट पैदा हो गया है। लोग पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। वहीं, सिंचाई की समस्या भी खड़ी हो गई है। अलबत्ता मई और जून...

बागेश्वर में सरयू और गोमती नदी सूखने लगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Apr 2017 06:00 PM
ऐप पर पढ़ें

औसतन बारिश कम होने से सरयू और गोमती नदी सूखने लगी है। प्राकृतिक स्रोतों पर भी संकट पैदा हो गया है। लोग पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। वहीं, सिंचाई की समस्या भी खड़ी हो गई है। अलबत्ता मई और जून में जलसंकट बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।2016 के सापेक्ष 2017 में बारिश औसतन काफी कम हुई है। इससे सरयू और गोमती संकट में बह रही हैं। मालूम हो गोमती और सरयू प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं। बारिश नहीं होने से स्रोत भी रिर्चाज नहीं हो सके हैं। इससे नगर से लेकर गांव तक पानी का संकट पैदा हो गया है। सिंचाई के पानी की भी दिक्कत शुरू हो गई है। सरयू और गोमती नदियों पर जहां पेयजल योजनाएं बनीं हैं, वहीं सिंचाई की भी दर्जनों योजनाएं हैं। जलसंकट से उबरने के लिए अच्छी बारिश का लोगों को इंतजार है।

2016 में बारिश के आंकड़े

गरुड़ में 1275, कपकोट में 1874, बागेश्वर में 857 एमएम बारिश रिकार्ड हुई। जबकि 2017 में अब तक बागेश्वर 60.50, कपकोट 62.05 और गरुड़ में 77.05 एमएम बारिश हुई है।

जलस्तर

सरयू का जलस्तर गत वर्ष 15 जून से 15 अक्तूबर तक 868, गोमती का 864.30 मीटर था। जबिक अभी सरयू और गोमती में सिर्फ 455 मीटर पानी बह रहा है।

अधिकारी बोले

गोमती और सरयू का जलस्तर 15 जून से अक्तूबर तक मापा जाता है। गर्मियों में जलस्तर मापने की सुविधा नहीं है। औसतन बारिश कम होने से नदियों का जलस्तर काफी नीचे गिर गया है। पानी और सिंचाई की दिक्कत पैदा हो गई है।

आरके सती, ईई, सिंचाई विभाग।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें